राज्यों से

धरोहर को बचाने की पहल:मालकोष गांव के ऐतिहासिक विरासत को सहेजने के लिए गांव के युवा करवा रहे 134 साल पुराने कुएं की मरम्मत

पहले जहां पनघट पर गांवों की महिलाएं पानी लेकर आती थी। सुबह-शाम को चहल पहल रहती थी। अब आधुनिकता की चकाचौंध में हरियाणा की ऐतिहासिकता लुप्त होती जा रही है। गांव मालकोष में जोहड़ के बीच में स्थित लगभग 134 साल पुराने ऐतिहासिक कुओं को धरोहर के रुप में बचाया जा रहा है। ताकि गांव का इतिहास जीवित रहे। गांव के ही युवा साथियों और जमींदार छात्र संगठन की मालकोष लाइब्रेरी कमेटी के साथियों ने मिलकर इन जर्जर हो रहे ऐतिहासिक धरोहर कुओं की सफाई करवाकर मरम्मत का काम करवाया जा रहा है।

अनूठी पहल है मालकोष के युवाओं की

जिसमें मुख्य रुप से देशराज पोसवाल, जसराज गुज्जर, नरेश बुधवार, इन्द्रजीत बड़क, प्राध्यापक नरेन्द्र , भोला, नवीन, धोलू, सीटू, प्रदीप शास्त्री और सचिन गांव के अन्य युवा साथियों ने मुहिम को शुरु करके मुकाम तक पहुंचाया जा रहा है। गांव मालकोष निवासी बुजुर्ग अमर सिंह पंवार, शेर सिंह यादव, सज्जन कुमार बुधवार और मीर सिंह चहल ने बताया कि 1995 की बाढ़ से पहले कुएं का पानी घरों में प्रयोग किया जाता था।

जोहड़ पर स्थित कुआं दिल्ली के सेठ रामचन्द्र जो पहले भिवानी से गए थे ने बनवाया था।जिनकी बौन्द सेठ भानू के यहां रिश्तेदारी थी। कुएं की चारों गुम्बज पुराने समय के चूने की बनी हुई थी। जो कि अब जर्जर हालत में पहुंच गई थी। पुराने समय में यहां बैलों से पानी खींचा जाता था। जो कि कुएं का पानी मीठा होता था और लोग पीने में प्रयोग करते थे। अब लगभग 25 सालों से ऐतिहासिक कुआं बंद पड़ा हुआ है।

About the author

NEWSDESK

PRATYUSHAASHAKINAYIKIRAN.COM
Editor : Maya Puranik
Permanent Address : Yadu kirana store ke pass Parshuram nagar professor colony raipur cg
Email : puranikrajesh2008@gmail.com
Mobile : -91-9893051148
Website : pratyushaashakinayikiran.com