जयपुर में नगर निगम चुनाव के मतदान के लिए अब 10 दिन का ही समय बचा है लेकिन आज भी अधिकांश ऐसे लोग हैं जिन्हें यह जानकारी नहीं कि परिसीमन के बाद उनका घर, मोहल्ला किस वार्ड संख्या में है। जबकि वार्डों का गठन हुए लगभग एक साल का समय हो गया है। लोगों की इसी जिज्ञासा को शांत करने के साथ ही अपना प्रचार-प्रसार करने के लिए प्रत्याशियों ने वॉट्सऐप, टेलीग्राम समेत अन्य सोशल मीडिया ग्रुप का सहारा लेना शुरू कर दिया है।
प्रत्याशियों के चुनाव प्रचार से जुड़े कार्यकर्ताओं और आईटी सेल एक्सपर्ट्स ने बताया कि इस बार वॉट्सऐप, फेसबुक पर कैंडिडेट के पोस्टर और विज्ञापन के साथ वार्ड का मैप, वार्ड की मुख्य कॉलोनियों को भी डाला जा रहा है, ताकि मतदाताओं को पता चल सके कि वे किस वार्ड मे आते है और उनके वार्ड का एरिया कहा तक है। उन्होंने बताया कि इसके लिए कॉलोनियों और मोहल्लों में रह रहे कार्यकर्ताओं को नए वाॅटसऐप ग्रुप बनाने और उन पर ज्यादा से ज्यादा मतदाताओं को जोड़ने का लक्ष्य दिया है, ताकि लोगों से कम समय में ज्यादा से ज्यादा संपर्क किया जा सके।
एक साल पहले 2 बार किया था परिसीमन
सरकार ने सितम्बर 2019 में जयपुर के वार्डों का परिसीमन करके 91 से बढ़ाकर 150 वार्ड बनाए थे। लेकिन इसके एक माह बाद यानी अक्टूबर 2019 में सरकार ने अपने इस निर्णय को बदलते हुए वापस परिसीमन करवाया और इस बार 2 नगर निगम गठित किए, जिनमें कुल 250 वार्ड बनाए। नगर निगम हेरिटेज मे 100 और नगर निगम ग्रेटर जयपुर में 150 वार्ड। इस तरह पुराने एक वार्ड के स्थान पर लगभग 3 नए वार्ड गठित किए गए।