मध्य प्रदेश की 28 सीटों पर होने वाले उपचुनाव में प्रचार जैसे-जैसे जोर पकड़ रहा है, वैसे-वैसे नेताओं की भाषा भी गिर रही है। महिलाओं के लिए आइटम, रखैल जैसे शब्दों का इस्तेमाल हो रहा है। यह आपत्तिजनक बयानबाजी नवरात्रि के दौरान हुई, लेकिन, चुनाव आयोग अब तक मौनव्रत पर है। इन बयानों के बाद नेताओं पर कार्रवाई तो दूर उन्हें कोई नोटिस तक नहीं भेजा गया।
दैनिक भास्कर ने इस मसले पर भोपाल में मुख्य चुनाव अधिकारी कार्यालय में फोन किया तो वहां से जवाब मिला कि रिपोर्ट केंद्रीय चुनाव आयोग को भेज दी गई है। जो भी कार्रवाई होगी, वहीं से होगी।
कमलनाथ ने मंत्री इमरती देवी को आइटम कहा
18 अक्टूबर को एक चुनावी सभा में पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा था कि हमारे राजे (कांग्रेस प्रत्याशी) तो सीधे-सादे और सरल हैं। ये उसके जैसे नहीं हैं। मैं क्यों उसका नाम लूं। इतने में लोग बोले- इमरती देवी। इस पर हंसते हुए कमलनाथ बोले- आप लोग मेरे से ज्यादा उसको पहचानते हैं। आप लोगों को तो मुझे पहले ही सावधान कर देना चाहिए था कि वह क्या आइटम है। इसके अगले ही दिन भाजपा सरकार में मंत्री बिसाहूलाल ने अनूपपुर से कांग्रेस प्रत्याशी विश्वनाथ सिंह कुंजाम की दूसरी पत्नी को रखैल बता दिया था।
रावण और चुन्नू-मुन्नू भी कहा जा रहा
हाल ही में हुई चुनाव सभाओं में भाजपा के महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने कमलनाथ और दिग्विजय को एक सभा में चुन्नू-मुन्नू कहा तो कांग्रेस नेता सज्जन वर्मा ने कैलाश विजयवर्गीय की तुलना रावण से कर दी।
संस्कृति मंत्री ने एक धर्म पर निशाना साधा
प्रदेश की संस्कृति मंत्री उषा ठाकुर ने कहा- सारा कट्टरवाद और सारे आतंकवादी मदरसों में पले-बढ़े हैं। जम्मू कश्मीर को आतंकवाद की फैक्ट्री बनाकर रख दिया था। ऐसे मदरसे जो हमें राष्ट्रवाद और समाज की मुख्यधारा से नहीं जोड़ सकते, हमें उन्हें ही सही शिक्षा से जोड़ना चाहिए और समाज को सबकी प्रगति के लिए आगे लेकर जाना चाहिए।
भोपाल चुनाव कार्यालय ने कहा- हाथ बंधे हुए हैं
मध्य प्रदेश में चुनावी माहौल में बेलगाम नेताओं पर कार्रवाई को लेकर भास्कर ने निर्वाचन आयोग के भोपाल स्थित सीईओ (मुख्य चुनाव अधिकारी) ऑफिस में बात की तो उन्होंने साफ कर दिया कि सभी मामलों को दिल्ली में निर्वाचन आयोग के पास भेजा गया है, फैसला वहीं से होगा। संयुक्त मुख्य निर्वाचन अधिकारी मोहित बुंदस ने भास्कर को बताया कमलनाथ, बिसाहूलाल समेत तमाम नेताओं के संबंध में जो शिकायतें मिली हैं, उन्हें हेड ऑफिस भेजा गया है। कुछ शिकायतें सही मिलीं, कुछ गलत भी पाई गईं। निर्वाचन आयोग के निर्देश पर कार्रवाई की जाएगी। यहां से कुछ नहीं हो सकता।