बरोदा उपचुनाव के लिए नामांकन वापसी के अंतिम दिन तीन प्रत्याशियों ने अपना नाम वापस ले लिया। इनमें चौंकाने वाला नाम चर्चित निर्दलीय उम्मीदवार कपूर नरवाल का था। ऐसे में रविवार की रात तक जहां तिकोने मुकाबले की ओर उपचुनाव बढ़ रहा था, वहीं सोमवार को दिन में रोचक मोड़ पर आ गया। भाजपा से नाराज चल रहे कपूर नरवाल कांग्रेस से भी टिकट के बड़े दावेदार थे, पर वहां से भी मिली निराशा के बाद निर्दलीय मैदान में उतर गए थे। ऐसे में कांग्रेस ने उन्हें मनाने का प्रयास जारी रखा था। अंतत: उन्होंने पूर्व सीएम भूपेन्द्र सिंह हुड्डा की मौजूदगी में सोमवार को अपना नाम वापस ले लिया।
साथ ही कांग्रेस को अपना समर्थन भी दे दिया। इस घटनाक्रम के पीछे सीएम सिटी करनाल के कांग्रेस के नेता सुरेंद्र नरवाल की बड़ी भूमिका बताई जा रही है। इसी के साथ डॉ. नरवाल परिवार की करीब 25 साल बाद कांग्रेस में वापसी हो गई। कपूर के पिता कांग्रेस के नेता रहे हैं। जबकि कपूर महज दो सालों में ही इनेलो से जजपा होते हुए भाजपा के बाद अब कांग्रेस में आस्था जता चुके हैं। इस सियासी घटनाक्रम से भाजपा के योगेश्वर दत्त और कांग्रेस के इंदुराज नरवाल में मुकाबला रोचक होने के आसार बन गए हैं।
इनसाइड स्टोरी : कांग्रेस के धुरंधरों से नहीं संभला तो सीएम सिटी के सुरेंद्र नरवाल ने खाप को किया एकजुट
काफी प्रयास के बाद भी 17 की शाम तक बात नहीं बनती दिखी तो पूर्व सीएम हुड्डा ने करनाल में लंबे समय तक जिला अध्यक्ष रह चुके सुरेंद्र नरवाल से बात की। नरवाल खाप के अंदर सुरेंद्र नरवाल की अच्छी दखल है और कपूर नरवाल से भी उनके रिश्ते बेहतर हैं। हुड्डा से मिलवाकर कपूर की टिकट के लिए पैरवी करने वालों में भी सुरेंद्र की अहम भूमिका थी। सुरेंद्र ने नरवाल हरियाणा से यूपी तक के खाप नेताओं को साथ जोड़ा। नरवाल खाप के अध्यक्ष भलेराम का सहयोग लिया और कपूर को समझाया कि अगर दोनों ने चुनाव लड़े तो नरवाल खाप के लोग दो हिस्सों में बंट जाएंगे और फायदा भाजपा को मिल सकता है।
रविवार देर रात तक सुरेंद्र नरवाल और खाप नेताओं ने कपूर के साथ बात की और फोन पर पूर्व सीएम हुड्डा से बात कराई। पूर्व सीएम ने उन्हें पार्टी में उचित सम्मान का आश्वासन दिया। कपूर देर रात नाम वापस लेने को सहमत हुए। सुबह हुड्डा कपूर के घर पहुंचे और वहीं से साथ जाकर नाम वापस करवाया।
ऐसे बदल रहे समीकरण
बरोदा क्षेत्र में करीब 94 हजार जाट मतदाता हैं। इनमें से करीब करीब 15 हजार मतदाता नरवाल गोत्र के हैं। अभी तक कांग्रेस के इंदुराज, इनेलो के जोगेंद्र मलिक व निर्दलीय कपूर जैसे तीन बड़े जाट नेता मैदान में थे। डॉ.नरवाल के अलावा निर्दलीय प्रत्याशी जोगेंद्र सिंह मोर और लोसुपा प्रत्याशी के कवरिंग उम्मीदवार राजेंद्र सिंह ने भी नाम वापस लिया है।
ऐसे पार्टी बदलते रहे हैं कपूर नरवाल
- लंबे वक्त तक इनेलो में रहे। चुनाव लड़ चुके हैं।
- फिर कपूर इनेलो छोड़ जजपा के हो गए।
- विधानसभा चुनाव से कुछ पहले कपूर नरवाल ने भाजपा में शामिल हो गए थे।
- कई माह से भाजपा से दूरी बनाए हुए थे और अब कांग्रेसी हो गए। इनके पिता कांग्रेस के नेता रहे हैं।
मुझसे स्टीयरिंग कोई नहीं छुड़वा सकता : हुड्डा
राहुल गांधी की यात्रा के दौरान ट्रैक्टर के स्टीयरिंग पर बार-बार नेता के बदलने और आखिर में रणदीप के हाथ आने की बात पर हुड्डा ने कहा कि जब हुड्डा स्टीयरिंग पर बैठता है तो कोई छुड़वा नहीं सकता। उधर, डॉ.कपूर नरवाल ने कहा कि सभी जगह घूम कर देख लिया है, अब हुड्डा के साथ ही रहेंगे।