देश

डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम का रिश्ता देश के मौजूदा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ हमेशा से ही निराला है

नई दिल्ली
पूरी दुनिया में ‘मिसाइल मैन’ के नाम से विख्यात डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम का रिश्ता देश के मौजूदा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ हमेशा से ही निराला, मित्रवत और अद्भुत रहा। जिस तरह से एक सच्चा मित्र मुश्किल वक्त में अपने मित्र के काम आता है, ठीक वैसे ही कई मौकों पर डॉ. कलाम नरेंद्र मोदी के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े रहे। डॉ. कलाम की पुण्यतिथि के मौके पर एक्स हैंडल 'मोदी आर्काइव' पर किये गये पोस्टों में बताया गया है कि कैसे नरेंद्र मोदी और देश के प्रसिद्ध रॉकेट वैज्ञानिक के बीच दोस्ती प्रगाढ़ हुई, कैसे दोनों के बीच मित्रता गहरी हुई। कई मुश्किल दौरों में उन्होंने भाजपा नेता का कंधे से कंधा मिलाकर साथ दिया। एक-दो नहीं, बल्कि कई मौकों पर डॉ. कलाम ने अपनी दोस्ती का फर्ज अदा किया, लेकिन दोनों के बीच मित्रता उस वक्त प्रगाढ़ हुई, जब नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री की कुर्सी पर विराजमान थे।

इस बीच, जब कभी-भी किसी काम से डॉ. कलाम का गुजरात जाना होता, तो वह नरेंद्र मोदी से मुलाकात करने से नहीं चूकते। यहीं से दोनों के बीच मित्रता की दास्तां शुरू हुई। एक बार उन्होंने नरेंद्र मोदी को गुजरात का ‘महान मुख्यमंत्री’ और अपना ‘सबसे अच्छा मित्र’ बताया था। कहते हैं न कि मुश्किल वक्त में पता चलता है कि कौन मित्र सच्चा है और कौन झूठा। एक ऐसा ही मुश्किल वक्त नरेंद्र मोदी के जीवन में भी आया था। जब वह गुजरात के सीएम थे, तब कच्छ में विनाशकारी भूकंप में कई लोगों की जान चली गई थी। चौतरफा तबाही के मंजर के बीच अगर किसी ने नरेंद्र मोदी का हाथ थामा था, तो वह थे मिसाइल मैन डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम।

उन्होंने विज्ञान और तकनीक का सहारा लेकर इस विनाशकारी संकट से निपटने की तरकीब सुझाई थी। उनके सुझावों पर चलकर गुजरात उस विनाशकारी संकट का सामना कर सका। नरेंद्र मोदी यहीं से अब्दुल कलाम के कायल हो गए और दोनों की दोस्ती परवान चढ़ी। कई मौकों पर डॉ. कलाम गुजरात के विकास मॉडल का जायजा लेने पहुंचे। कई परियोजनाओं की रूपरेखा निर्धारित करने में उन्होंने अहम भूमिका निभाई। पहली बार 2014 में प्रधानमंत्री के पद पर विराजमान होने के बाद नरेंद्र मोदी ने सबसे पहले डॉ. कलाम को फोन कर उनका आशीर्वाद प्राप्त किया था। इस बीच, दोनों की आपस में बातचीत होती रही। कई विषयों पर दोनों विचारों का आदान-प्रदान करते रहे।

भारत रत्न डॉ़. एपीजे अब्दुल कलाम 27 जुलाई 2015 को 83 साल की उम्र में दुनिया को अलविदा कह गये। डॉ. कलाम को भारतीय मिसाइल का जनक और आम लोगों का राष्ट्रपति भी कहा जाता है। वह 25 जुलाई 2002 को देश के 11वें राष्ट्रपति बने थे। उनका का जन्म तमिलनाडु के रामेश्वरम के एक गांव में 15 अक्टूबर 1931 को हुआ था। उनका पूरा नाम 'अवुल पकिर जैनुलाब्दीन अब्दुल कलाम' था।

जनसम्पर्क विभाग – आरएसएस फीड

PRATYUSHAASHAKINAYIKIRAN.COM
Editor : Maya Puranik
Permanent Address : Yadu kirana store ke pass Parshuram nagar professor colony raipur cg
Email : puranikrajesh2008@gmail.com
Mobile : -91-9893051148
Website : pratyushaashakinayikiran.com