पुणे
ट्रेनी आईएएस पूजा खेडकर पर लगे जालसाजी के एक के बाद एक आरोपों के बाद उनके लिए एक नई परेशानी खड़ी हो गई है। केंद्र सरकार के मानव संसाधन का ब्योरा रखने वाले कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग यानी डीओपीटी ने पूजा खेडकर को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। साथ ही उनसे 2 अगस्त तक उनके खिलाफ लगे आरोपों पर अपनी स्थिति स्पष्ट करने को कहा है।
इस मामले से जुड़े डीओपीटी अधिकारियों ने बताया, "विभिन्न एजेंसियों के पूछताछ के बाद 26 जुलाई को ईमेल के साथ-साथ उनके पते पर भी कारण बताओ नोटिस भेजा गया था। खेडकर को नोटिस का जवाब देने के लिए सात दिन का समय दिया गया है।" वहीं एक अधिकारी ने कहा, "प्रक्रिया के अनुसार नोटिस जारी कर उनसे जवाब मांगा गया है। वह डीओपीटी के सामने व्यक्तिगत रूप से पेश हो कर या लिखित जवाब भेज सकती हैं।" अधिकारी ने कहा कि यह पूजा खेडकर पर निर्भर करता है कि वह नोटिस का जवाब कैसे देती हैं। अधिकारी ने कहा है कि जवाब ना देने पर उन पर बड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा, " अगर वह समय समय सीमा के अंदर जवाब देने में विफल रहती हैं तो आगे की कार्रवाई की जाएगी।"
वहीं केंद्र सरकार ने महाराष्ट्र सरकार की एक रिपोर्ट के आधार पर पूजा खेडकर की उम्मीदवारी के दावों और दूसरे आरोपों की जांच के लिए एक एक सदस्यीय पैनल का गठन किया है। अगर खेडकर गलत दावे करने की दोषी पाई जाती हैं तो उनका चयन रद्द किया जा सकता है।
यूपीएससी की शिकायत के मद्देनजर दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने पहले ही खेडकर के खिलाफ धोखाधड़ी, जालसाजी और जालसाजी का मामला दर्ज कर लिया है। पिछले हफ्ते समिति ने डीओपीटी सचिव को अपनी रिपोर्ट सौंपी थी। डीओपीटी की टीम इस रिपोर्ट के निष्कर्षों की जांच कर रही है और आवश्यक कार्रवाई की सिफारिश करने की तैयारी में भी है। डीओपीटी के अधिकारियों ने कहा है कि खेडकर को महाराष्ट्र के वाशिम से 23 जुलाई तक मसूरी में लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी में रिपोर्ट करना था। हालांकि अकादमी के अधिकारियों ने सोमवार को पुष्टि की है कि उन्होंने अभी वहां रिपोर्ट नहीं किया है।
क्या है पूरा मामला?
जानकारी के लिए बता दें कि पूजा खेडकर 2023 बैच की आईएएस अधिकारी हैं। पूजा को पुणे में प्रोबेशन पीरियड के दौरान एडीएम के तौर पर नियुक्त किया गया था। उनके ऊपर आरोप लगा कि काम को संभालने से पहले ही पूजा ने अनुचित मांगे करनी शुरू कर दी।
वह उनको मिलनी सुविधाओं की जानकारी कलेक्टर से मांग रही थीं। कलेक्टर ने इसकी शिकायत कर दी। पूजा खेडकर उस समय चर्चा में आईं जब उन पर अपनी निजी ऑडी कार पर लाल बत्ती लगाने का मामला सामने आया। इतना ही नहीं उन पर आस-पास के लोगों को धमकाने का आरोप भी लगा। पुणे जिला कलेक्टरेट में प्रशिक्षण के दौरान ऐसी सुविधाएं और भत्तों की मांग करके ताकत और विशेषाधिकारों का दुरुपयोग करने का आरोप है, जिनकी वह हकदार नहीं थीं। इसके बाद पुलिस ने उनके खिलाफ मामला दर्ज कर लिया।