जम्मू
29 जून को शुरू हुई अमरनाथ यात्रा शांतिपूर्ण ढंग से आगे बढ़ रही है। श्री अमरनाथजी श्राइन बोर्ड (एसएएसबी) के अधिकारियों ने बताया कि मंगलवार को 1,477 श्रद्धालुओं का एक और जत्था जम्मू से कश्मीर के लिए रवाना हुआ। इसी के साथ अब तक अमरनाथ यात्रा पर जाने वाले श्रद्धालुओं की कुल संख्या 4.66 लाख हो गई है।
अमरनाथ यात्रा 29 जून को शुरू हुई थी। यह 52 दिनों के बाद 19 अगस्त को श्रावण पूर्णिमा और रक्षाबंधन के त्यौहार के साथ समाप्त होगी। मंगलवार को 1,477 तीर्थयात्रियों का जत्था दो सुरक्षा काफिलों में जम्मू के भगवती नगर यात्री निवास से रवाना हुआ।
अधिकारियों ने बताया, "377 यात्रियों को लेकर 13 वाहनों का पहला सुरक्षा काफिला सुबह 3.25 बजे उत्तरी कश्मीर के बालटाल बेस कैंप के लिए रवाना हुआ। 1,100 यात्रियों को लेकर 39 वाहनों का दूसरा सुरक्षा काफिला भी उसी समय दक्षिण कश्मीर के नुनवान (पहलगाम) बेस कैंप के लिए रवाना हुआ। दोनों काफिलों के आज दोपहर से पहले घाटी में पहुंचने की उम्मीद है।"
सीएपीएफ और जम्मू-कश्मीर पुलिस के असाधारण सुरक्षा इंतजामों के कारण इस साल यात्रा शांतिपूर्ण और सुचारू रूप से चल रही है।
गुफा मंदिर में बर्फ की एक संरचना है जो चंद्रमा के चरणों के साथ घटती-बढ़ती रहती है। भक्तों का मानना है कि यह बर्फ की संरचना भगवान शिव की पौराणिक शक्तियों का प्रतीक है।
यह गुफा कश्मीर हिमालय में समुद्र तल से 3,888 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। भक्त या तो पारंपरिक दक्षिण कश्मीर पहलगाम मार्ग से या फिर उत्तर कश्मीर बालटाल मार्ग से गुफा मंदिर तक पहुंचते हैं।
पारंपरिक पहलगाम गुफा मंदिर मार्ग 48 किलोमीटर लंबा है। जिससे बाबा बर्फानी तक पहुंचने में 4 से 5 दिन लग जाते हैं। दूसरा मार्ग बालटाल का है। ये 14 किलोमीटर लंबा है। इस मार्ग का चयन करने वाले लोग 'दर्शन' करने के बाद उसी दिन आधार शिविर लौट आते हैं।