बुराई पर अच्छाई की जीत के प्रतीक के रूप में हर साल धूमधाम से मनाया जाने वाला दशहरा पर्व इस बार राजधानी जयपुर में बड़े पैमाने पर नहीं मनेगा। जयपुर के अलग-अलग क्षेत्रों में लगभग डेढ दर्जन से ज्यादा स्थानों पर मेला आयोजन समितियों की ओर से दशहरा मेला आयोजित किया जाता है, लेकिन इस बार कोरोना के कारण ये सब देखने को नहीं मिलेगा। हां इस बार आपको गली-मोहल्लों में छोटे रावण के पुतलों का दहन देखने को जरूर मिल सकता है। इसके पीछे कारण छोटे बच्चों में रावण दहन देखने का क्रेज और नगर निगम का चुनावी सीजन हो सकता है।
मतदाताओं को लंकेश के जरिए रिझाने का रहेगा प्रयास
लोगों में ये चर्चा है कि इस बार जो गली-मोहल्लों तक सीमित रहने वाले छोटे-छोटे आयोजन वो चुनावी रंग में रंगे नजर आएंगे। चुनावी सीजन है ऐसे में मतदाताओं को रिझाने के लिए चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशी कार्यकर्ताओं के जरिए छोटे-छोटे रावण के पुतले दहन का आयोजन करवा सकते है।
कोरोना के कारण मांग कम, लेकिन आखिरी दिन उम्मीद
जयपुर के गोपालपुरा बाइपास पर मेट्रो रेलवे स्टेशन के पास, टोंक रोड पर लक्ष्मी मंदिर तिराहा, टोंक रोड पर ही बीटू बाइपास चौराहे पर लगी रावण मंडी में हर बार की तरफ इस बार भी रावण के पुतले सजे—सजाये तैयार खड़े है। लेकिन कोरोनाकाल और मंदी को देखते हुए इस बार पिछले साल की तुलना में मांग काफी कम है। यही कारण है कि इस बार रावण का कद भी कम हो गया। बीटू बाइपास रावण मंडी में पुतले बनाने व बेचने वाले मांगीलाल जोगी निवासी पाली ने बताया कि वह अपने परिवार संग पिछले 6—7 साल से रावण बेचने आते है। हर साल रावण की बिक्री दशहरा से 3—4 दिन पहले शुरू हो जाती है, लेकिन इस बार ऐसा नहीं है। उन्होंने बताया कि सबसे ज्यादा बिक्री दशहरा वाले दिन ही होती है। अब हमारी उम्मीद केवल दशहरा वाले दिन की है कि उस दिन ज्यादा से ज्यादा रावण के पुतले बिक जाए तो हमे नुकसान न हो।
कागज, बांस, मैदा सब महंगा, तो रावण के भी बढे भाव
पुतला विक्रेता ने बताया कि इस बार रावण के पुतले के दाम भी पहले से ज्यादा है। निर्माण सामाग्री रंगीन कागज, बांस, चिपकाने वाली लोई जो मैदा से तैयार होती है, इन सबके दाम 5 रूपए से लेकर 50 रुपए तक बढ गए है। इसलिए मजबूरन हमे भी इस बार रावण की कीमतों को थोडा बढाना पडा है।
3 से 20 फीट तक के पुतले
रावण मंडी में पिछले साल तक जहां 3 से 35 फीट तक के विशालकाय रावण के पुतले देखने को मिलते थे वे इस बार नहीं दिख रहे। इस बार यहां 2 से लेकर 20 फीट उंचाई तक के पुतले है, जिन्हे 300 रुपए से लेकर 2900 रुपए तक में बेचा जा रहा है।