कृषि सुधार कानूनों के विरोध के बीच दशहरे वाले दिन किसानों ने रावण की जगह मोदी सरकार का पुतला जलाया। हालांकि, प्रदर्शन के ऐलान की वजह से पुलिस पहले ही किसान नेता और आढ़तियों को हिरासत में ले चुकी थी। बावजूद, इसके किसानों ने पहले से घोषित की बजाय दूसरी जगह अपना रोष जताया। पुतले के 10 सिरों में हरियाणा से सभी 10 लोकसभा सांसदों के चेहरे लगाए गए थे।
किसान यूनियन की तरफ से रविवार को दशहरे के दिन जगाधरी की अनाज मंडी गेट पर प्रधानमंत्री का पुतला जलाए जाने की घोषणा की गई थी। प्रशासन हरकत में आया और सुबह पुलिस ने गांव संधाला से आढ़ती एसोसिएशन के जिला प्रधान शिव कुमार संधाला को गिरफ्तार किया। वहीं भाकियू से जुड़े कई नेताओं को उनके घर से गिरफ्तार कर लिया।
घोषणा के बाद कई किसान नेता हिरासत में ले लिए गए थे
इसके बाद बहुत से किसान यूनियन से जुड़े नेता मोबाइल फोन बंद कर भूमिगत हो गए। 4 बजे उठाकर संधाला को पुलिस जठलाना थाने ले गई। 5 बजे भाकियू के जगाधरी ब्लॉक के प्रधान कृष्ण पाल सुड़ल को भी हिरासत में ले लिया गया। इसके अलावा CIA स्टाफ ने यूनियन के निदेशक मनदीप रोड़ छप्पर के घर पर दबिश दी, लेकिन वह पहले ही बच निकले।
पुलिस किसान नेताओं के ठिकानों पर दबिश देकर उन्हें गिरफ्तार करने में लगी हुई थी, वहीं किसान हर हाल में प्रदर्शन पर अड़े थे। मनदीप रोड़ छप्पर ने कहा कि वह हर हाल में आज दशहरे के दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पुतला जलाकर सरकार द्वारा पारित किए गए कृषि संबंधी आदेशों का विरोध करेंगे। वह प्रशासन की किसी भी कार्रवाई से डरने वाले नहीं हैं।
आखिरकार, जिलाध्यक्ष संजू गूंदयाना के नेतृत्व में भारी संख्या में किसान टोपरा गांव में इकट्ठे हुए। भनक पाकर यहां भी पुलिस बल तैनात कर दिया गया। यहीं अशोक चक्र के पास किसानों ने पुतला जलाया।