दीपावली से पहले शहर में नकली और घटिया मावे की आपूर्ति का खुलासा हुआ है।‘शुद्ध के लिए युद्ध’अभियान के तहत चिकित्सा विभाग ने हजारों पीपे घटिया मावा जब्त करके किया है। यह मावा बीकानेर सहित प्रदेश के अनेक हिस्सों में भेजा जा रहा था।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. बी.एल. मीणा ने बताया कि सेटेलाइट अस्पताल के पास एक परिसर में अवैध रूप से मावा बनाने की जानकारी मिली थी। यह कोल्ड स्टोरेज है, जहां चौखूंटी व आसपास के मावा व्यापारी अपना सामान जमा करवाते हैं। यहां घटिया मावा होने की सूचना पर सोमवार सुबह छापा मारा गया।
इस दौरान करीब 4 हजार मावे के पीपे (कंटेनर) मिले हैं, जिसमें पड़े मावे का सैम्पल लिया गया तो वो घटिया क्वालिटी का निकला। मीणा ने कहा कि अगर यह मावा है तो फिर मावे को क्या कहेंगे? उन्होंने मौके पर उपस्थित प्रतिष्ठान के मालिक को डांटते हुए कहा कि अगर ऐसा ही मावा होता है तो इसे खाना ही बेकार है। इस दौरान उपखंड अधिकारी मीनू वर्मा भी साथ थी।
बीकानेर से यहां जाता है मावा
राज्य में बीकानेर मावे का मुख्य केंद्र है। यहां से हर रोज सैकड़ों किलो मावा जोधपुर, जयपुर, जैसलमेर, नागौर, चूरू, सीकर सहित प्रदेश के अन्य क्षेत्रों में बेचा जाता है। बीकानेर से हर रोज करीब दो हजार मावे के पीपे बीकानेर सहित प्रदेश के विभिन्न जिलों में बेचे जाते हैं।
आटे की तरह दिख रहा है
जांच अधिकारी ने जब मावे को देखा तो उसे हाथों में लेकर रगड़ा। मावा गीले आटे की तरह बिखर गया। मावा दूध से बनता है लेकिन यहां आटा, अरारोट सहित अन्य सामान डालकर फर्जी मावा बनाया जाता है। मावे की क्वालिटी की अब जांच की जाएगी, जिसके बाद संबंधित मावे के मालिक पर कार्रवाई होगी।
अभी नहीं है बिक्री, व्यापारी परेशान
उधर, मावा व्यापारियों का कहना है कि बाजार पहले से ठंडा पड़ा है, ऐसे में इस तरह की कार्रवाई परेशान करने वाली है। मावा व्यापारी गजानन्द ने बताया कि बिक्री नहीं होने के कारण मावे के पीपे कोल्ड स्टोरेज में रखे हुए हैं। मावा खराब नहीं है। प्रशासन की इस कार्रवाई से मावा व्यापारियों को बड़ा नुकसान हो सकता है।