भारत-अमेरिका के बीच हुए बेसिक एक्सचेंज ऐंड कोऑपरेशन एग्रीमेंट (BECA) रक्षा समझौते को लेकर चीन के बाद पाकिस्तान (Pakistan) ने भी कड़ा ऐतराज जाहिर किया है. पाकिस्तान ने कहा कि भारत पहले ही आक्रामक रुख अपनाए हुए है ऐसे में इस तरह के रक्षा समझौते इलाके की शांति के लिए खतरनाक साबित हो सकते हैं.
भारत और अमेरिका के बीच मंगलवार को 2+2 वार्ता के तहत मंत्री स्तरीय बैठक जिसमें बेसिक एक्सचेंज ऐंड कोऑपरेशन एग्रीमेंट (BECA) समेत कई अहम रक्षा समझौते हुए. बता दें कि बेका समझौते के तहत दोनों देश एक-दूसरे को अत्याधुनिक सैन्य प्रौद्योगिकी, साज़ो-सामान और भू-स्थानिक मानचित्र साझा करेंगे. बैठक में भारत की तरफ़ से विदेश मंत्री एस. जयशंकर और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह जबकि अमेरिका की तरफ़ से विदेश मंत्री माइक पॉम्पियो और रक्षा मंत्री मार्क एस्पर इस बैठक में शामिल थे. इसके अलावा शीर्ष सैन्य और सुरक्षा अधिकारियों की मौजूदगी भी बैठक में रही.
दोनों देशों ने कारोबारी, हिंद व प्रशांत महासागरीय क्षेत्र की सुरक्षा, सामरिक व रणनीतिक सहयोग पर चर्चा कीइस समझौते पर चीन के बाद भारत के पड़ोसी देश पाकिस्तान ने भी तीखी प्रतिक्रिया दी है. पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय ने बयान जारी करके भारत के मिसाइल और सैन्य परीक्षणों पर सवाल खड़े किए हैं. बयान में कहा गया है, भारत को आधुनिक सैन्य साज़ो-सामान, तकनीक और ज्ञान मुहैया कराने के कारण दक्षिण एशिया में रणनीतिक स्थिरता के ख़तरे को पाकिस्तान लगातार आगाह करता रहा है. भारत का युद्धक सामग्री का लगातार इकट्ठा करना, परमाणु ताक़तों को बढ़ाना, अस्थिर करने वाली नई हथियार प्रणालियों को विकसित करने जैसी चीज़ें दक्षिण एशिया की शांति और स्थायित्व के लिए गंभीर नतीजे लेकर आ सकती हैं.
पाकिस्तान ने बयान जारी कर कहा है कि भारत द्वारा हाल ही में किए गए लगातार मिसाइल परीक्षण एक ख़तरनाक भारतीय पारंपरिक और परमाणु सैन्य निर्माण की अभिव्यक्ति हैं. इसने फिर से भारत के साथ उच्च तकनीक के सैन्य व्यापार को लेकर कई अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों की चिंताओं की पुष्टि की है, जिसने न केवल अंतरराष्ट्रीय मानदंडों को मिटा दिया है, बल्कि दक्षिण एशिया में रणनीतिक स्थिरता को नकारात्मक रूप से प्रभावित किया है. यह घटनाक्रम साफ़तौर पर इस तर्क को ख़ारिज करते हैं कि अंतरराष्ट्रीय निर्यात नियंत्रण व्यवस्थाओं में भारत के इस प्रसार पर रोक लगाई जाएगी.
बैठक के बाद अमेरिकी रक्षा मंत्री माइक एस्पर ने कहा, दोनों देशों के बीच रक्षा समझौते हमारे साझा मूल्यों और हितों पर आधारित हैं. सब के लिए खुला और स्वतंत्र इंडो-पैसिफ़िक क्षेत्र हो इसके लिए हम कंधे से कंधा मिलाकर साथ खड़े हैं, ख़ासकर चीन की बढ़ती आक्रामकता और अस्थिर करने वाली गतिविधियों के मद्देनज़र. मार्क एस्पर ने कहा कि दो दिनों की बैठक में रक्षा के क्षेत्र में क्षेत्रीय सहयोग को मज़बूत करने, रक्षा व्यापार को बढ़ाने और सेनाओं के बीच पारस्परिक सहयोग पर भी बातचीत हुई.
बाद में अमेरिकी विदेश मंत्री ने भारत और अमरीका के बीच स्वास्थ्य के क्षेत्र में हुई नई संधि का ऐलान किया, जिसमें उन्होंने चीन पर निशाना साधाबैठक के बाद एक साझा बयान जारी किया गया जिसमें दोनों देशों ने एक-दूसरे के साथ सहयोग बढ़ाने का संकल्प लिया. अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पॉम्पियो ने कहा, चीन की कम्युनिस्ट पार्टी लोकतंत्र, क़ानूनी नियमों, एक-दूसरे के बीच स्पष्टता और नौ-परिवहन की स्वतंत्रता (नैविगेशन की आज़ादी) को लेकर मित्रवत नहीं है जो कि मुक्त और खुले इंडो-पैसेफ़िक क्षेत्र का आधार है.
इस बैठक से पहले माइक पॉम्पियो नेशनल वॉर मेमोरियल गए थे जिसकी तस्वीर के साथ एक ट्वीट को रीट्विट करते हुए उन्होंने लिखा कि हम उन वीर पुरुषों, महिलाओं को कभी नहीं भूलेंगे जिन्होंने दुनिया के सबसे बड़े लोकत्रंत की रक्षा में अपनी जान दी है. अमेरिकी मंत्रियों के भाषणों में गलवान का भी ज़िक्र हुआ जहां चीनी फ़ौज के साथ झड़प में भारत के 20 सैनिकों की मौत हो गई थी लेकिन भारत के दोनों मंत्री- एस. जयशंकर और राजनाथ सिंह चीन का नाम लेने से बचते दिखे
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बेका को महत्वपूर्ण कड़ी बताते हुए कहा कि महत्वपूर्ण मुद्दों पर हमारे बीच बातचीत हुई. अमरीका के साथ हमारा सैन्य सहयोग बहुत बढ़िया तरीक़े से आगे बढ़ रहा है. हमने रक्षा उपकरणों के संयुक्त विकास के लिए परियोजनाओं को चिह्नित किया है. उन्होंने कहा, इंडो-पैसेफ़िक क्षेत्र में शांति और सुरक्षा के प्रति हमने अपनी प्रतिबद्धता जताई. रक्षा मंत्री ने बताया कि दोनों देशों के बीच जो महत्वपूर्ण समझौते हुए हैं उनमें अमरीकी-भारतीय लाइज़न ऑफ़िसर की नियुक्ति, कॉमसैट अकाउंट, दोनों देशों के बीच सैन्य अभ्यास को बढ़ाना शामिल है.
अगले महीने दोनों देश मालाबार एक्सरसाइज़ में शामिल होंगे. यह एक्सरसाइज़ इंडो-पैसेफ़िक क्षेत्र में होने वाला संयुक्त सैन्य अभ्यास है जिसमें क्वाड, यानी क्वाडिलेटरल सिक्योरिटी डायलॉग में शामिल चारों देश भाग लेंगे. ये चार देश हैं- भारत, अमरीका, जापान और ऑस्ट्रेलिया. इस दौरान विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा, इस बैठक के दौरान हमारे पड़ोसी देशों में चल रही गतिविधियों पर भी बातचीत हुई. हमने यह स्पष्ट किया कि सीमा पार से आतंकवादी गतिविधियां बिल्कुल स्वीकार्य नहीं है