साइबर फाइनेंशियल फ्रॉड में गई रकम को वापस दिलाने के लिए एक्सपर्ट की एक टीम तैयार की है. यह टीम साइबर फोरेंसिक एक्सपर्ट कहलाएंगे. टीम की मदद के लिए देशभर में लेबोरेट्री बनाने का काम भी चल रहा है.
एटीएम या डेबिट कार्ड हमारी जेब में रखा होता है और बैंक खाते से रकम निकल जाती है. इतना ही नहीं बिना किसी दूसरे के हाथ में गए हमारे क्रेडिट कार्ड (Credit Card) से साइबर क्रिमिनल (Cyber Fraud) शॉपिंग कर लेते हैं. लेकिन हमे इस फ्रॉड का पता तब चलता है जब हमारे मोबाइल पर इस ट्रांजेक्शन (Mobile Transations) का मैसेज आता है. लेकिन अब सरकार ने इस तरह के साइबर फाइनेंशियल फ्रॉड में गई रकम को वापस दिलाने के लिए एक्सपर्ट की एक टीम तैयार की है. यह टीम साइबर फोरेंसिक एक्सपर्ट कहलाएंगे. टीम की मदद के लिए देशभर में लेबोरेट्री बनाने का काम भी चल रहा है.
12615 लोगों की टीम में यह तीन तरह के होंगे एक्सपर्ट-
संसद की गृह मामलों की संसदीय समिति के सामने गृह मंत्रालय के अधिकारियों ने बताया कि लोगों को फाइनेंशियल फ्रॉड के केस में मदद करने और उनकी गई हुई रकम को वापस दिलाने के लिए साइबर फोरेंसिक एक्सपर्ट की टीम तैयार की गई है. टीम में 12615 लोग हैं. टीम में पुलिस, सरकारी वकील और ज्यूडिशियल सर्विस से जुड़े लोगों को शामिल किया गया है. यह सभी लोग देश के अलग-अलग हिस्सों के हैं. यह खासतौर से साइबर फाइनेंशियल फ्रॉड में पीड़ित की मदद करेंगे, लेकिन साथ ही महिलाओं और बच्चों के खिलाफ होने वाले साइबर क्राइम में भी पीड़ित की मदद करेंगे.
फ्रॉडकी घर बैठे शिकायत करने के लिए बनाया गया है यह पोर्टल-की संसदीय समिति के सामने गृह मंत्रालय के अधिकारियों ने यह भी बताया कि अब साइबर फाइनेंशियल फ्रॉड से पीड़ित व्यक्ति को शिकायत करने के लिए पुलिस स्टेशन जाने की जरूरत नहीं है. पीड़ित घर बैठे ही साइबर क्राइम के नाम से बने पोर्टल पर अपनी शिकायत दर्ज करा सकता है. एक बार शिकायत दर्ज होने के बाद संबंधित जांच अधिकारी खुद पीड़ित से संपर्क करेगा. इसी तरह से महिलाओं और बच्चों के खिलाफ होने वाले साइबर क्राइम की शिकायत भी इसी पोर्टल पर की जा सकेगी. और ऐसे खास केस में शिकायतकर्मा की पहचान गोपनीय भी रखी जाएगी.