भ्रष्टाचार के आरोप में निलंबित चल रहे महोबा के पूर्व एसपी मणिलाल पाटीदार को इलाहाबाद हाईकोर्ट से सोमवार को बड़ा झटका लगा है। क्रशर कारोबारी इंद्रकांत से छह लाख की रंगदारी मांगने के मामले में हाईकोर्ट ने आईपीएस पाटीदार को कोई राहत देने से मना कर दिया। पाटीदार ने याचिका में गिरफ्तारी पर रोक लगाने और स्वयं पर दर्ज एफआईआर को रद्द किए जाने की मांग की थी। कोर्ट ने आईपीएस मणिलाल को अग्रिम जमानत देने की छूट दी है। यह आदेश चीफ जस्टिस गोविंद माथुर और जस्टिस सिद्धार्थ वर्मा की डिवीजन बेंच ने सुनवाई के बाद दिया।
डिवीजन बेंच ने दर्ज एफआईआर में हस्तक्षेप करने से इंकार किया। साथ में यह भी कहा कि पूर्व एसपी विवेचना में सहयोग करें। लेकिन पूर्व एसपी मणिलाल पाटीदार फरार चल रहे हैं। उनकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस दबिश दे रही है।
लखनऊ की विशेष कोर्ट से जारी हो चुका है गैर जमानती वारंट 18 दिन पहले आईपीएस अधिकारी मणिलाल पाटीदार के खिलाफ लखनऊ की विशेष अदालत ने गैर जमानती वारंट जारी किया था। उनके साथ दो अन्य पुलिसकर्मी दरोगा देवेंद्र शुक्ला और सिपाही अरुण यादव के खिलाफ भी गैर जमानती वारंट जारी किया गया थ। पाटीदार के खिलाफ कबरई थाने में भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत 234/20 धारा धारा 306, 387, 120 बी, 504, 506, 7/8, 12/2013 के मुकदमा दर्ज है।
इंद्रकांत त्रिपाठी की मौत का मामला महोबा में बीते 8 सितंबर को कारोबारी इंद्रकांत त्रिपाठी झांसी-मिर्जापुर हाइवे पर अपनी ही कार में गोली लगने से घायल हालात में मिले थे। उन्हें कानपुर के रीजेंसी अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां इलाज के दौरान 11 सितंबर को उनकी मौत हो गई थी। इस घटना से एक दिन पहले कारोबारी ने एक वीडियो संदेश सोशल मीडिया पर जारी किया था, जिसमें उन्होंने महोबा के तत्कालीन एसपी मणिलाल पाटीदार पर रिश्वत मांगने का आरोप लगाया था।
क्रशर कारोबारी इंद्रकांत त्रिपाठी वीडियो में कह रहे थे कि उनके द्वारा रिश्वत देने में असमर्थता जताने पर आईपीएस मणिलाल पाटीदार ने उन्हें जान से मरवाने व फर्जी मुकदमे में फंसाने धमकी भी दी थी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कारोबारी के इस वायरल वीडियो का संज्ञान लेते हुए तत्कालीन एसपी महोबा मणिलाल को निलंबित कर दिया था। साथ ही आईपीएस, कबरई थाना प्रभारी देवेंद्र शुक्ला सहित 4 लोगों के खिलाफ हत्या की साजिश, हत्या का प्रयास व भ्रष्टाचार का मुकदमा दर्ज किया गया था।