वैश्विक महामारी कोविड-19 की परिस्थितियों के बावजूद छत्तीसगढ़ की अर्थव्यवस्था तेजी से पटरी पर लौटती दिख रही है। सरकार के कर राजस्व पर भी इसका सकारात्मक असर पड़ा है। बीते अक्टूबर महीने में छत्तीसगढ़ से वस्तु एवं सेवा कर-जीएसटी मद में 1974 करोड़ रुपए की वसूली हुई है। यह रकम पिछले वर्ष अक्टूबर महीने में वसूल किए गए जीएसटी से 404 करोड़ रुपए यानी 26 प्रतिशत अधिक है।
केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने अक्टूबर महीने में संग्रहित जीएसटी का आंकड़ा जारी किया है। इसके मुताबिक देश के बड़े राज्याें में जीएसटी संग्रहण में हुई वृद्धि के मामले में छत्तीसगढ़ और आंध्र प्रदेश संयुक्त रूप से पहले स्थान पर हैं। पर्वतीय और तटीय राज्यों को मिलाकर छत्तीसगढ़ और आंध्र प्रदेश का स्थान संयुक्त रूप से चौथा है।
अरुणाचल प्रदेश में 138 प्रतिशत, दादरा एवं नगर हवेली में 118 प्रतिशत और मिजोरम में 72 प्रतिशत वृद्धि का आंकड़ा आया है। देश भर संग्रहण की यह वृद्धि 11 प्रतिशत रही है। पड़ोसी राज्यों में झारखंड में 23 प्रतिशत, ओडिशा में 21 प्रतिशत, मध्य प्रदेश में 17 प्रतिशत और महाराष्ट्र में 5 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज है। उत्तर प्रदेश और बिहार में 7-7 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज हुई।
ये रही वजहें
– राज्य सरकार के अधिकारी लॉकडाउन और उसके बाद उठाए गए कुछ कदमों को इस वृद्धि का कारण बता रहे हैं। लॉकडाउन के दौरान कृषि और लघु वनोपज के संग्रह का काम नहीं रुका।
– राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत धान उत्पादक किसानों के खातों में 30 करोड़ रुपए की अतिरिक्त राशि पहुंची।
– गोधन न्याय याेजना के तहत 40 करोड़ रुपये की गोबर खरीदी हुई।
– कोयला और इस्पात का उत्पादन जारी रहा। जमीनों की शासकीय गाइडलाइन दरों में 30 प्रतिशत तक की छूट मिली।
मुख्यमंत्री बोले, मंदी से बची रही प्रदेश की अर्थव्यवस्था
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा, न्याय योजनाओं के तहत किसानों-आदिवासियों को पैसा देने से ग्रामीण अर्थव्यवस्था मजबूत हुई। इससे व्यापार में तेजी आई। देश भर में मंदी के बावजूद छत्तीसगढ़ पर उसका असर नहीं पड़ा।