दिल्ली-एनसीआर में अभी से ही ग्रीन पटाखों के दाम आसमान छू रहे हैं. रॉकेट से लेकर फुलझड़ी और अनार तक पर कोरोना-लॉकडाउन की मार दिखाई दे रही है. फुलझड़ी 450 रुपये तक की तो अनार 350 रुपये तक का बिक रहा है.
दीवाली में 12 से 13 दिन ही बचे हैं. धनतेरस पूजन के बाद से ही आतिशबाजी शुरु हो जाती है. यही वो मौका होता है जब जमकर पटाखों (Green Firecrackers) खरीद-फरोख्त हो रही होती है. लेकिन दिल्ली-एनसीआर में अभी से ही ग्रीन पटाखों के दाम आसमान छू रहे हैं. रॉकेट से लेकर फुलझड़ी और अनार तक पर कोरोना-लॉकडाउन (Coronavirus Pandemic) की मार दिखाई दे रही है. फुलझड़ी 450 रुपये तक की तो अनार 350 रुपये तक का बिक रहा है. जानकारों की मानें तो इसके पीछे दीवाली के दौरान पटाखों को बैन किए जाने की चर्चा है.
ऐसे हो रही है पटाखों को बैन करने की चर्चा –राजस्थान मेंसरकार ने पटाखे बैन कर दिए हैं. दिल्ली सरकार ने भी नॉन ग्रीन क्रेकर्स चलाने पर एक लाख रुपये जुर्माने की बात कही है. वहीं प्रदूष्ण फैलाने पर केन्द्र सरकार भी भारी-भरकम जुर्माने की बात कह चुकी है. अब एक याचिका की सुनवाई करते हुए नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने भी कहा है कि 7 से 30 नवंबर तक पटाखों को जनता के स्वास्थ को ध्यान में रखते हुए बैन कर देना चाहिए या नहीं?
बैन की चर्चाओं के बीच इतने महंगे हो गए ग्रीन क्रेकर्स
अनार- 150-350 रुपये तक का मिल रहा है.
चकरी- 50-350
फुलझड़ी- 10-450
रॉकेट- 60-300
स्काई शॉट- 90-700
रंगीन रोशनी वाला माचिस- 50-100
93 फैक्ट्रियों के पास है ग्रीन पटाखे बनाने का लाइसेंस
दिल्ली सरकार के मंत्री गोपाल राय की मानें तो दिल्ली में 93 ऐसी फैक्ट्रियां हैं जिनके पास ग्रीन पटाखे बनाने का लाइसेंस है. इन्हीं फैक्ट्रियों के बनाए पटाखे दिल्ली-एनसीआर में बिकेंगे. लेकिन पटाखों के थोक कारोबारियों की मानें तो कोरोना-लॉकडाउन के चलते ज़्यादातर फैक्ट्रियों में ताला लगा रहा. रत्तीभर का भी काम नहीं हुआ.लॉकडाउन के बाद ज़रूर गिनती की कुछ फैक्ट्री में पटाखे बने. वो ही 20 फीसद माल बाज़ार में नज़र आ रहा है. लेकिन दिल्ली-एनसीआर की डिमांड को देखते हुए यह 20 फीसद माल ऊंट के मुंह में जीरे जैसा है.