अमेरिका के राष्ट्रपति चुनावों के दौरान हिंसा की आशंकाओं के बीच व्हाइट हाउस की सुरक्षा बढ़ा दी गयी है. इसके अलावा वाशिंगटन डीसी और न्यूयॉर्क में दुकानदार दंगों की आशंका से अपने स्टोर्स को प्लाईवुड और अन्य बैरेकेडिंग से सुरक्षित करते नज़र आए.
अमेरिका में चुनाव के दिन हिंसा की आशंका के बीच व्हाइट हाउस, प्रमुख वाणिज्य क्षेत्रों और बाजारों की सुरक्षा बढ़ा दी गई है. मंगलवार को होने वाले मतदान से पहले अहम सरकारी प्रतिष्ठान हाई अलर्ट पर हैं. सीक्रेट सर्विस (खुफिया सेवा) ने व्हाइट हाउस को किले में तब्दील कर दिया है। इसके बाद राष्ट्रपति के आवास के परिसर के चारों तरफ एक अस्थायी ऊंची दीवार खड़ी की गई है. चुनाव की पूर्व संध्या पर, हिंसा की आशंका के मद्देनजर, कामगार प्रमुख दुकानों और स्टोरों पर सुरक्षा के लिए लकड़ी के फ्रेम लगाते दिखे. यह स्थिति न्यूयॉर्क से लेकर बोस्टन और ह्यूस्टन से लेकर वाशिंगटन एवं शिकागो तक देखने को मिली.
मेरिका के 2020 के राष्ट्रपति पद के चुनावों को देश के हाल के इतिहास के सबसे विभाजनकारी चुनावों में से एक बताया जा रहा है. दोनों पक्षों के समर्थकों ने ऐलान किया है कि वे मंगलवार रात को मतगणना शुरू होने के बाद से वाशिंगटन के मध्य जुटेंगे, इनमें ब्लैक लाइवज़ मैटर आंदोलन से जुड़े लोग भी शामिल हैं. इस साल शुरू में जॉर्ज फ्लायड की पुलिस हिरासत में हुई मौत के बाद भड़के हिंसक प्रदर्शनों में वाशिंगटन में कई दुकानें और व्यापारिक प्रतिष्ठानों को नुकसान पहुंचा था.
वाशिंगटन पोस्ट ने खबर दी है कि चुनाव बाद हिंसा की आशंका के मद्देनजर दुकानदार अपनी दुकानों की खिड़कियों पर लकड़ी के बोर्ड लगवा रहे हैं और अतिरिक्त सुरक्षा ले रहे हैं. इस हफ्ते के शुरू में वॉलमार्ट ने अपनी दुकानों से बंदूकें और गोलियां हटा ली थीं. कैलिफोर्निया के बेवर्ली हिल्स के पुलिस प्रमुख ने सीबीएस न्यूज से बात करते हुए चुनाव संबंधित हिंसा को लेकर आगाह किया है. उन्होंने कहा कि अधिकारी 12 घंटे की ड्यूटी कर रहे हैं और उन्हें कोई छुट्टी नहीं मिल रही है.
अमेरिकी राष्ट्रपति चुनावों की पूर्व संध्या पर अशांति और हिंसा की आशंका के बीच न्यूयॉर्क शहर के कई इलाकों में लग्जरी स्टोर चलाने वालों और छोटे कारोबार करने वालों ने अपनी दुकानों को बचाने के लिये उनके आगे प्लाईवुड लगा दिया है. व्हाइट हाउस के लिये डोनाल्ड ट्रंप और जो बाइडेन के बीच हो रही यह दौड़ अब तक की सबसे कड़वाहट और आरोप-प्रत्यारोप भरी मानी जा रही है.
चुनाव के दिन हिंसा, लूटपाट और झड़प की आशंकाओं के बीच मैनहट्टन के पॉश फिफ्थ एवेन्यू की दुकानों के साथ ही शहर के अन्य इलाकों में भी दुकानदार सुरक्षा उपाय करते नजर आए और कर्मचारियों को देर रात तक दुकानों को तोड़फोड़ से बचाने के लिये उनके बाहर प्लाईवुड लगाते हुए देखा गया. यह कुछ ऐसा ही था जो जॉर्ज फ्लॉएड की मौत के बाद गर्मियों में हुए प्रदर्शनों के दौरान देखा गया था.
अमेरिका में वैसे तो हर चार साल बाद राष्ट्रपति पद के लिये चुनाव होते हैं लेकिन 2020 के राष्ट्रपति चुनावों को “इलेक्शन ऑफ अ लाइफटाइम” करार दिया जा रहा है और बेहद कड़वाहट भरे चुनाव प्रचार के दौर के बाद इसे लेकर पूरे अमेरिका में अभूतपूर्व डर और बेचैनी है. न्यूयॉर्क शहर के महापौर बिल डी ब्लासियो ने सोमवार को कहा कि उन्होंने पुलिस आयुक्त डेरमोट शिया से बात की है और फिलहाल हिंसा को लेकर किसी तरह का कोई खतरा जाहिर नहीं किया गया है.
डी ब्लासियो ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, स्वाभाविक रूप से हर कोई चुनावी नतीजों और उसके बाद क्या होगा, इसे लेकर चिंतत है. इस मौके पर मैं, लेकिन जोर देना चाहूंगा कि हमें कोई खास चुनौती नहीं दिखाई दे रही है. हम सभी तरह की चुनौतियों के लिये तैयार हैं। पिछले कुछ हफ्तों से काफी तैयारियां हो रही हैं. चुनाव के दिन और उसके बाद हिंसा की आशंका और दुकानों पर सुरक्षा के लिये बोर्ड लगाए जाने से जुड़े एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि हर दुकान मालिक को अपना फैसला खुद करना होता है और वह प्रत्येक दुकानदार के फैसले का सम्मान करते हैं.
उन्होंने कहा, हम स्टोर मालिकों को ऐसा करने के लिये परामर्श नहीं दे रहे हैं, लेकिन अगर वे ऐसा करना चाहते हैं तो निश्चित रूप से इसे समझ सकते हैं. मैं चुनाव के दिन और उसके बाद की स्थिति पर बात करना चाहता हूं. हर कोई इसके बारे में गहनता से सोच रहा है. हर कोई चिंतित है. उन्होंने कहा कि शहर को इस बात के लिये तैयार रहना चाहिए कि जरूरी नहीं कि चुनाव के नतीजे मंगलवार रात या बुधवार तक 100 प्रतिशत स्पष्ट हो जाएं.