ईकॉम एक्सप्रेस ने आईपीओ के जरिये 2600 करोड़ रुपये जुटाने के लिए सेबी के समक्ष दाखिल किए दस्तावेज
ईकॉम एक्सप्रेस और स्मार्टवर्क्स कोवर्किंग स्पेसेस लिमिटेड ने आईपीओ के लिए सेबी के समक्ष दाखिल किए दस्तावेज
स्मार्टवर्क्स कोवर्किंग स्पेसेस लिमिटेड ने आईपीओ के लिए सेबी के समक्ष दाखिल किए दस्तावेज
नई दिल्ली
ईकॉम एक्सप्रेस लिमिटेड ने आरंभिक सार्वनजिक निर्गम (आईपीओ) के जरिये 2,600 करोड़ रुपये जुटाने के लिए पूंजी बाजार नियामक सेबी के समक्ष दस्तावेज दाखिल किए हैं।
भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के समक्ष दाखिल आईपीओ दस्तावेज के अनुसार, निर्गम 1,284.50 करोड़ रुपये के ताजा शेयर और 1,315.50 करोड़ रुपये की बिक्री पेशकश (ओएफएस) का संयोजन है।
कंपनी के अनुसार, आईपीओ से अर्जित पूंजी में से 387.44 करोड़ रुपये का इस्तेमाल स्वचालन के साथ नए प्रसंस्करण केंद्र और नए पूर्ति केंद्र स्थापित करने के लिए किया जाएगा। 73.71 करोड़ रुपये कंप्यूटर तथा आईटी उपकरणों के लिए और 239.23 करोड़ रुपये प्रौद्योगिकी, डेटा विज्ञान क्षमताओं तथा क्लाउड बुनियादी ढांचे को बढ़ाने पर खर्ज किए जाएंगे। 87.92 करोड़ रुपये से कर्ज चुकाया जाएगा।
कंपनी आईपीओ पूर्व निर्गम में 257 करोड़ रुपये जुटाने पर विचार कर रही है। ऐसा होने पर नए निर्गम का आकार घटा दिया जाएगा।
ईकॉम एक्सप्रेस पूरे भारत में ‘एक्सप्रेस लॉजिस्टिक्स नेटवर्क’ संचालित करती है। आवश्यक लॉजिस्टिक्स बनुयादी ढांचे की पेशकश और प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल कर कंपनी देश भर के उपभोक्ताओं के साथ डिजिटल खुदरा विक्रेताओं तथा ई-वाणिज्य मंचों को जोड़ती है।
स्मार्टवर्क्स कोवर्किंग स्पेसेस लिमिटेड ने आईपीओ के लिए सेबी के समक्ष दाखिल किए दस्तावेज
स्मार्टवर्क्स कोवर्किंग स्पेसेस लिमिटेड ने आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) के जरिए धन जुटाने के लिए पूंजी बाजार नियामक सेबी के समक्ष प्रारंभिक दस्तावेज दाखिल किए हैं।
भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के समक्ष दाखिल आईपीओ दस्तावेज के अनुसार, प्रस्तावित निर्गम 550 करोड़ रुपये के ताजा शेयर और 67.59 लाख शेयर की बिक्री पेशकश (ओएफएस) का संयोजन है।
कंपनी की आईपीओ पूर्व निर्गम में 110 करोड़ रुपये जुटाने की योजना है। ऐसा होने पर नए निर्गम का आकार घटा दिया जाएगा।
स्मार्टवर्क्स कोवर्किंग स्पेसेस लिमिटेड कार्यालय अनुभव और प्रबंधित परिसरों के लिए एक अग्रणी मंच है। कंपनी प्रमुख स्थानों पर बड़ी, खाली संपत्तियों को पट्टे पर देने तथा उन्हें आधुनिक सुविधाओं के साथ पूर्ण सेवायुक्त, प्रौद्योगिकी-सक्षम परिसरों में बदलने का काम करती है।