Gambhir Vs Virat: आरसीबी की हार के बाद गौतम गंभीर ने कहा कि 8 साल किसी भी कप्तान के लिए खुद को साबित करने का लंबा वक्त होता है. आईए एक नजर डालते हैं गंभीर के उन पांच सवालों पर जिसने विराट की कप्तानी की धज्जियां उड़ा कर रख दी.
टीम इंडिया के कप्तान विराट कोहली (Virat Kohli) और भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व सलामी बल्लेबाज़ गौतम गंभीर (Gautam Gambhir) के बीच छत्तीस के आंकड़े की चर्चा होती रही है. साल 2013 में तो ये दोनों खिलाड़ी बीच मैदान पर भिड़ गए थे. उन दिनों गंभीर केकेआर के कप्तान थे, जबकि विराट आरसीबी की तरफ से मोर्चा संभाल रहे थे. इस भिड़ंत की उन दिनों खूब चर्चा हुई थी. इसके बाद से जब भी इन दोनों खिलाड़ियों को एक दूसरे पर हमला करने का मौका मिलता है तो वो छोड़ते नहीं हैं.
गंभीर का विराट पर निशाना
आईपीएल से जैसे ही विराट की टीम का पत्ता साफ हुआ गौतमगंभीर ने उनकी कप्तानी पर सवाल उठाते हुए उनकी धज्जियां उड़ा दी. आरसीबी की हार के बाद गंभीर ने ईएसपीएन क्रिकइंफो से बातचीत करते हुए कहा कि 8 साल किसी भी कप्तान के लिए खुद को साबित करने का लंबा वक्त होता है. आईए एक नजर डालते हैं गंभीर के उन पांच सवालों पर जिसने विराट की कप्तानी की धज्जियां उड़ा कर रख दी.’
- अगर आरसीबी की कमान मेरे हाथों में होती तो मैं सौ फीसदी विराट कोहली को कप्तानी से हटा देता. 8 साल बिना ट्रॉफी के आईपीएल में बहुत लंबा वक्त होता है. आप दूसरे कप्तान क्या किसी खिलाड़ी को भी बिना ट्रॉफी के नहीं रखते. ये जिम्मेदारी की बात है.’
- मैं विराट के खिलाफ नहीं हूं, लेकिन उन्हें खुद सामने आकर कहना चाहिए कि इस खराब प्रदर्शन के लिए कोई और नहीं मैं जिम्मेदार हूं’.
- 8 साल बहुत लंबा वक्त होता है. आप आर अश्विन को देखिए 2 साल के बाद रिजल्ट नहीं दे पाए तो किंग्स इलेवन पंजाब ने उन्हें कप्तानी से हटा दिया. आप धोनी और रोहित शर्मा की बात करते हैं. धोनी ने तीन खिताब दिलाए हैं. रोहित ने मुंबई को चार बार चैंपियन बनाया है. मुझे पक्का यकीन है कि अगर रोहित भी 8 साल तक अच्छे नतीजे लेकर नहीं आते तो उन्हें भी कप्तानी के मोर्चे से हटा दिया जाता. हर किसी के लिए अलग-अलग पैमान नहीं होना चाहिए. ‘
- आप चाहे जितना भी इनका बचाव करें मेरे हिसाब से ये टीम प्लेऑफ में पहुंचने के काबिल नहीं थी. वो बार-बार कह रहे हैं कि प्लेऑफ में पहुंच गए, लेकिन सब बेकार की बातें हैं. अगर विराट को ओपनिंग ही करनी थी तो वो पहले मैच से ही क्यों नही ओपनर के तौर पर उतरे’. ‘
- जब तक हार के लिए लीडरशीप को ज़िम्मेदार नहीं ठहराया जाएगा तब तक ऐसा ही होता रहेगा. मैं सपोर्ट स्टाफ, कोच, बैटिंग कोच हर किसी के लिए काफी दुखी हूं. हर साल कोच बदला जाता है, लेकिन समस्या कहीं और है.’