एनके सिंह की अध्यक्षता वाले 15वें वित्त आयोग ने 2021-22 से लेकर 2025-26 तक की अपनी रिपोर्ट आज राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को सौंप दी.
साल 2021-22 से 2025-26 के लिए एन की सिंह की अध्यक्षता में बनी पंद्रहवे वित्त आयोग ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है. रिपोर्ट का कवर टाइटल भी काफी दिलचस्प बनाया गया है. इस सिफारिश रिपोर्ट का कवर टाइटल है- Finance Commission in Covid Times यानी कोरोना काल में वित्त आयोग. केंद्र सरकार और राज्य सरकारों,विभिन्न स्तरों के लोकल गवर्नमेंट,वित्त आयोग के पूर्व चेयरमैन और इसके सदस्यों,कमिशन के एडवाइजरी काउंसिल,संबंधित क्षेत्रों के विशेषज्ञों,शैक्षणिक संस्थानों और अन्य दूसरे संस्थानों के साथ व्यापाक विचार-विमर्श और मैराथन बैठकों के बाद इस रिपोर्ट को तैयार किया गया है. आयोग के अध्यक्ष एन के सिंह और आयोग के सदस्यों ने आज इस विस्तृतरिपोर्ट को सौंप दी है. 15 वां वित्त आयोग रिपोर्ट की एक कॉपी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी सौंपी जायेगी.
क्या होता है वित्त आयोग- भारतीय संविधान के अनुच्छेद 280(1) के तहत वित्त आयोग का गठन राष्ट्रपति द्वारा नियुक्त्त किया जाता है. एक अध्यक्ष और चार अन्य सदस्यों को मिलाकर आयोग का गठन होता है. राष्ट्रपति सिफारिश करते हैं कि संघ एवं राज्यों के बीच टैक्स की शुद्ध प्राप्तियों को कैसे वितरित किया जाए एवं राज्यों के बीच राजस्व का वितरण किया जाए. अनुच्छेद 275 के तहत संचित निधि में से राज्यों को अनुदान या सहायता दिये जाने पर भी आयोग सिफारिश करता है.
15वें आयोग की यह रिपोर्ट 4 वॉल्यूम में तैयार-पंद्रहवां वित्त आयोग के सिफारिश रिपोर्ट को चार वोल्यूम में तैयार किया गया है. पहले और दूसरे वोल्यूम में पुराने रिपोर्टो की तरह मुख्य रिपोर्ट और और विवरणिका के बारे में जानकारी दी गई है. तीसरे वोल्यूम में केंद्र सरकार और इसके विभागों के लिए मध्यम अवधि (मिडियम टर्म) चुनौतियां और आगे की रोडमैप के बारे में सिफारिश की गई है. वहीं चौथे वोल्यूम में राज्यों के बारे में सिफारिशें और रोडमैप का जिक्र किया गया है. आयोग ने हर एक राज्य के वित्तीय हालातों का विस्तृत विश्लेषण किया है. यहीं नहीं अलग अलग राज्यों की परिस्थितियों,समस्याओं और चुनौतियों के मुताबिक आयोग ने अपनी सिफारिशें तैयार की है.
रिपोर्ट में इन विषयों पर सिफारिशें की गई है-
चार वोल्यूम में तैयार इस व्यापक सिफारिश रिपोर्ट्स में विभिन्न विषयों और पहलुओं का विश्लेषण किया गया है. रिपोर्ट में वर्टिकल और होरिजोनटल टैक्स डिवोल्यूशन,स्थानीय सरकार अनुदान (लोकल गवर्नमेंट ग्रांट), आपदा प्रबंधन अनुदान (डिजास्टर मैनेजमेंट ग्रांट) जैसे विषयों पर विस्तृत रोशनी डाली गई है. इसके अलावा पावर, सेक्टर, डीबीटी(डायरेक्ट टू बेनिफिट) को अपनाये जाने और सूखा कचरा प्रबंधन (सोलिड वेस्ट मैनेजमेंट) जैसे क्षेत्रों में राज्यों को दिए जाने वाले पर्फोर्मेंस इंसेटिव की समीक्षा करने की बात वित्त आयोग ने अपने रिपोर्ट में की है.
आयोग से यह भी कहा गया था कि वे इस बात की जांच करे कि क्या रक्षा और आंतरिक सुरक्षा के वित्त पोषण के लिए एक अलग तंत्र(मेकानिज्म) बनाया जाना चाहिए. और अगर ऐसा तंत्र बनाया जाता है तो इसका संचालन किस तरह किया जा सकता है. आयोग ने अपने रिपोर्ट में इस मसले पर सभी टर्म ऑफ रिफ्रेंरस का जिक्र किया है.
पंद्रहवे वित्त आयोग में ये सदस्य थे शामिल-
संविधान की अनुच्छेद 280 के क्लाउज 1 के तहत राष्ट्रपति ने पंद्रहवे वित्त आयोग का गठन किया था. आयोग का अध्यक्ष एन के सिंह को बनाया गया था जबकि इसके सदस्यों में शक्तिकांत दास, प्रो0 अनूप सिंह,डॉ0 अशोक लाहिडी और डॉ0 रमेश चंद थे. वहीं अरविंद मेहता को इसका सचिव बनाया गया था. बाद में शक्तिकांत दास द्वारा त्यागपत्र दिए जाने की वजह से उनके स्थान पर अजय नारायण झा को इस आयोग का सदस्य बनाया गया था.
वित्त मंत्री वित्त आयोग के रिपोर्ट को संसद में करेगी पेश-भारत सरकार के एक्शन टेकन रिपोर्ट के साथ केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन इस रिपोर्ट को संसद में प्रस्तुत करेगी. संसद में पेश किए जाने के बाद इस रिपोर्ट को पब्लिक डोमेन में रखा जायेगा. रिपोर्ट में साल 2021-22 से 2025-26 यानि 5 वित्त वर्षों के लिए सिफारिशें संकलित की गई है.साल 2020-21 के लिए 15 वें वित्त आयोग की रिपोर्ट दिसंबर 2019 को राष्ट्रपति को सौंपा जा चुका है. जिसे केंद्र सरकार की तरफ से एक्शन टेकन रिपोर्ट के साथ संसद में पेश किया गया था.