कर्नाटक हाईकोर्ट ने 22 अगस्त 2019 को एक प्रस्ताव पारित किया था, जिसमें मौजूदा इस्तेमाल में लिए जाने वाले कानूनी कागजों की बजाय सभी कार्यवाही के लिए A4 आकार के कागज के उपयोग की अनुमति देने की मांग की गई थी.
कर्नाटक हाईकोर्ट ने पिछले साल एक प्रस्ताव पारित किया था. जिसमें अदालत की कार्यवाही के लिए ए4 साइज के पेपर के इस्तेमाल की इजाजत देने का प्रस्ताव दिया था. हालांकि हाईकोर्ट को अभी तक सरकार से इसके कार्यान्वयन के लिए इजाजत नहीं मिली है.
कर्नाटक हाईकोर्ट ने 22 अगस्त 2019 को एक प्रस्ताव पारित किया था, जिसमें मौजूदा इस्तेमाल में लिए जाने वाले कानूनी कागजों की बजाय सभी कार्यवाही के लिए A4 आकार के कागज के उपयोग की अनुमति देने की मांग की गई थी. हालांकि अभी भी इस प्रस्ताव को इसके कार्यान्वयन के लिए सरकार की ओर से औपचारिक अधिसूचना जारी होने का इंतजार है.
मुख्य न्यायाधीश अभय श्रीनिवास ओका और न्यायमूर्ति एस. विश्वजीत शेट्टी की खंडपीठ ने लॉ छात्रों के एक समूह द्वारा दायर जनहित याचिका का निपटारा करते हुए इन पहलुओं पर गौर किया. जिन्होंने अगस्त 2020 में दायर अपनी याचिका में ए4 साइज के पेपर का उपयोग करने की अनुमति देने के लिए कर्नाटक हाईकोर्ट के नियमों-1959 के अध्याय 12 के नियम 2 में संशोधन के लिए अदालत की रजिस्ट्री को निर्देश देने की मांग की थी.
इस बीच पीठ ने हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार-जनरल को निर्देश दिया, जिन्होंने नियमों में संशोधन करने के लिए पूर्ण न्यायालय के प्रस्ताव पर एक रिपोर्ट प्रस्तुत की थी. वहीं याचिकाकर्ता देश भर की सभी अदालतों में व्यापक रूप से उपलब्ध ए4 पेपर के समान उपयोग के लिए अभियान चला रहे हैं. वहीं सुप्रीम कोर्ट और तीन हाईकोर्ट ने फुलस्केप पेपर कागज का उपयोग करने के अंग्रेजों के जमाने की प्रथा को खत्म करने के लिए अधिसूचना जारी की है.