खटीमा में लागातार अतिक्रमण बढ़ रहा था. हाईकोर्ट ने जनहित याचिका के तहत सुनवाई करते हुये इसे हटाने का आदेश भी दिया था लेकिन नहीं की गई. लेकिन बुधवार को हाईकोर्ट ने इस मामले पर सख्त रुख अपनाया.
नैनीताल हाईकोर्ट द्वारा ढाई साल पहले जनहित याचिका पर खटीमा नगर में अतिक्रमण को हटाने के आदेश के बावजूद भी पारित आदेश का अनुपालन नहीं होने पर कोर्ट ने सख्त रुख अपनाया. हाईकोर्ट ने सख्त निर्देश जारी करते हुए खटीमा नगर पालिका ईओ को हाईकोर्ट ने पूर्व में जारी आदेश पर अतिक्रमण नहीं हटाने पर जवाब मांगा. हाईकोर्ट के आदेश के पालन ना करने पर कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी.
रातों-रात शुरु की अतिक्रमण की कार्रवाई
वहीं, हाइकोर्ट के खटीमा नगरीय अतिक्रमण पर सख्त रुख अपनाने के बाद प्रशासन ने रातों रात खटीमा नगर निगम ने अतिक्रमण को हटाने की कार्रवाई शुरू कर दी है. खटीमा नगरीय अतिक्रमण की रिपोर्ट जहां 21 नवम्बर को कोर्ट में पेश होनी है. वहीं, प्रशासन ने हाइकोर्ट के सख्त रुख के बाद अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई रातों रात शुरू कर दी गई है. प्रशासन की अचानक देर शाम अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई के बाद अतिक्रमणकारियों में हड़कंप मच गया.
याचिकाकर्ता ने दोबारा दिया था प्रार्थना पत्र
गौरतलब है कि कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति रवि कुमार मलिमथ व न्यायमूर्ति रवींद्र मैठाणी की खंडपीठ ने खटीमा निवासी कवींद्र कफलिया की जनहित याचिका पर सुनवाई की. कोर्ट ने जून 2018 में खटीमा में चिन्हित 460 अतिक्रमण स्थल हटाने के निर्देश दिए थे. इस आदेश का पालन नहीं होने पर जून 2020 में याचिकाकर्ता ने पुनः हाईकोर्ट में प्रार्थना पत्र दिया. जिसकी सुनवाई के दौरान नगरपालिका खटीमा ने 18 जून को कोर्ट में शपथपत्र देकर कहा कि एक माह के भीतर चिन्हित अतिक्रमण हटा दिए जाएंगे.
बुधवार को इस मामले की सुनवाई में कोर्ट के आदेशों का पालन न होने पर कड़ा रुख अपनाते हुए खण्डपीठ ने सरकार से जबाव देने को कहा है. जिसके बाद नगर पालिका व तहसील प्रशासन ने रातों रात खटीमा नगर के अतिक्रमण को जेसीबी व पोकलैंड से जमीदोज करना शुरू कर दिया है.