भोपाल
मध्य प्रदेश में 47 जिलों के जनजातीय गांवों की सूरत बदलेगी. जनजातीय गांवों में सड़क, शिक्षा, बिजली, पानी सहित अनेक तरह के विकास कार्य किए जाएंगे. 7 हजार 307 जनजातीय गांवों का चयन प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना के तहत हुआ है. पिछले दो साल में बड़वानी, भोपाल, बुरहानपुर, छतरपुर, दमोह, गुना, खंडवा, नरसिंहपुर, राजगढ़, सिंगरौली, विदिशा, रीवा, झाबुआ, धार और श्योपुर के कुल 2 हजार 523 गांवों में 133 करोड़ 14 लाख 62 हजार रुपये की लागत से बुनियादी सुविधाओं का विस्तार किया गया है.
इसके साथ शैक्षणिक एवं कौशल उन्नयन से जुड़े 6 हजार 50 कार्य कराए गए हैं. अनूपपुर, मुरैना, सतना, सीधी, देवास, बैतूल, श्योपुर, मंडला, उमरिया, नीमच, रतलाम, अलीराजपुर, मंदसौर एवं खरगोन जिलों के एक हजार 675 गांवों में 4 हजार 27 विकास कार्यों के लिए 302 करोड़ 53 लाख 58 हजार रुपये का प्रस्ताव योजना भेजी गई है. प्रधानमंत्री आदि आदर्श ग्राम योजना के तहत चयनित धार जिले में सबसे ज्यादा निर्माण कार्य चल रहे हैं. 689 गांवों में निर्माण कार्य की संख्या एक हजार 634 से अधिक है. निर्माण कार्य के लिये 136 करोड़ 35 लाख 12 हजार रुपये की स्वीकृति मिल गयी है.
जनजातीय गांवों की बदल रही तस्वीर
धार जिले के 689 गांवों में आंगनवाड़ी भवन, राशन की दुकान, स्कूल- छात्रावास-आश्रम शालाओं में अतिरिक्त कक्ष, शौचालय, किचन शेड, भोजन कक्ष, विद्युतीकरण, पेयजल सुविधाओं का विस्तार, फर्नीचर, रंगाई-पुताई कार्य, उप स्वास्थ्य केन्द्र, जन आरोग्य केन्द्रों में अतिरिक्त कक्ष, बाउंड्रीवाल निर्माण, सार्वजनिक शौचालय, पानी निकासी के लिए ड्रेनेज निर्माण कार्य कराए जा रहे हैं.
गांवों में पेयजल सुविधाओं की बेहतरी के लिए पाइपलाइन विस्तार, पानी की टंकी निर्माण, जनजातीय बसाहटों में विद्युतीकरण एवं लाइन विस्तार के कार्य, आजीविका मिशन के तहत आजीविका भवनों व सामुदायिक भवनों का निर्माण, सिंचाई सुविधाओं के विस्तार के लिये स्टॉपडेम, चेकडेम निर्माण तथा अधोसंरचनात्मक विकास के लिये गांवों और शासकीय संस्थाओं तक आंतरिक पहुंच मार्ग व पुल.पुलिया निर्माण कार्य भी कराये जा रहे हैं.