मध्यप्रदेश

स्मार्ट एंड सस्टेनेबल सिटीज प्रतियोगिता में इंदौर ने एक बार फिर भोपाल को पीछे छोड़ा

इंदौर

स्मार्ट एंड सस्टेनेबल सिटीज प्रतियोगिता में इंदौर ने एक बार फिर भोपाल को पीछे छोड़ दिया है। इंदौर के नागरिक जल्द ही डबल डेकर बस की सवारी करेंगे। इंदौर में पब्लिक ट्रांसपोर्ट का काम संभालने वाली अटल इंदौर सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विस लिमिटेड कंपनी ने 20 सितंबर से मुंबई की तर्ज पर डबल डेकर बस शहर के अंदर चलाने की तैयारी कर ली है।

लो फ्लोर बसों के बंद होने का सिलसिला जारी
बात करें भोपाल की तो यहां पहले से चल रही भोपाल सिटी लिंक लिमिटेड की लो फ्लोर बसों के बंद होने का सिलसिला जारी है। अब तक 150 लो फ्लोर बस बंद होकर डिपो में जंग खा रही हैं। स्पर्धा में शहर के नागरिकों को आधुनिक सुविधाएं इकोनॉमिक पैकेज में उपलब्ध कराने का चैलेंज शहरों को दिया गया है। भोपाल स्मार्ट सिटी कंपनी इन चैलेंज को पूरा करने नगर निगम के साथ कुछ संयुक्त उपक्रम कर रही है जो पूरे नहीं हो सके हैं।

फिलहाल सिटी बस ट्रांसपोर्ट कॉर्पाेरेशन द्वारा शहर के अलग-अलग रूट पर बड़ी संख्या में सिटी बसें दौड़ाई जाती हैं और इन्हें सभी रूट पर कवर किए जाने की तैयारी हुई थी और इसमें सफलता भी मिली। अब इंदौर से महू के साथ ग्रामीण क्षेत्रों में भी सिटी बसें दौड़ाई जा रही हैं। लोक परिवहन का यह बड़ा साधन कई यात्रियों के लिए सुविधाजनक बन गया है, लेकिन कई खामियों के चलते समय-समय पर सवाल भी उठाए जाते रहे हैं। अब सिटी बस ट्रांसपोर्ट कॉर्पाेरेशन की मदद से इंदौर में मुंबई के समान डबल डेकर बसें चलाने की तैयारी है। पिछले दिनों सिटी बस ट्रांसपोर्ट कॉर्पाेरेशन की बैठक में इस पर शुरुआती चर्चा हुई थी। इसके बाद महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने अफसरों को इस योजना पर काम करने के निर्देश दिए थे। इसके बाद से अफसरों की टीम शहर के ऐसे बाजारों का चयन करने में जुटी है, जहां बिजली के तार और खंभों की परेशानी न हो। इसके लिए सिटी बस ट्रांसपोर्ट कॉर्पाेरेशन और निगम के अफसरों ने कुछ मार्गों का सर्वे भी कर लिया है।

जहां बिजली के तार नहीं वहां चल पाएंगी बसें
प्रबंधन द्वारा अब तक जो सर्वे किया गया है उसमें सामने आया है कि ये बसें सिर्फ बड़े और चौड़े मार्गों पर ही चल पाएंगी, क्योंकि संकरे मार्गों पर ज्यादा ऊंचाई होने से ट्रैफिक सिग्नल, बिजली के तार सहित कई अड़चनों के कारण इनका संचालन संभव नहीं हो पाएगा। इसके लिए जल्द ही रूट भी फाइनल किए जाएंगे। ये बसें लक्जरी बसों की तरह होंगी। कोशिश होगी कि ये इलेक्ट्रिक हों, ताकि प्रदूषण को कम करने में भी मदद करें। साथ ही ये कई आधुनिक सुविधाओं से लैस होने के साथ ही काफी आरामदायक भी होंगी।

शहर में ये काम हुए, लेकिन काम नहीं आए

● इंटीग्रेटेड ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम: सिर्फ चालानी कार्रवाई होती है।
● इंटीग्रेटेड कंट्रोल कमांड सेंटर: आपात हालात में कभी मदद नहीं मिली।

● मल्टी लेवल पार्किंग: पूरे शहर में खाली पड़ी रहती हैं।

● पब्लिक बाइक शेयरिंग: लगभग बंद हो चुकी हैं।
● स्मार्ट सिटी एप: लोगों को इसके बारे में पता नहीं है।

● पब्लिक हेल्प डेशबोर्ड: अनुपयोगी साबित हुई।

● स्मार्ट एलइडी लाइटिंग: शहर की प्रमुख सड़कें तक अंधकार में।

● स्टार्ट अप सेंटर: जिन्हें काम मिला उन्हें सब्सिडी मिलने में दिक्कतें।
● सोलर प्लांट: निगम अपने ही भवनों में नहीं लगवा पाया।

● मेयर एक्सप्रेस अपडेट: बंद है।

● बायोमीथेनाइजेशन प्लांट: बिट्टन मार्केट में संचालित।

● वाईफाई बिजली पोल: इंटरनेट नहीं चलता।
● स्मार्ट रोड: मेंटनेंस के अभाव में गड्ढे हो गए।

● हेरिटेज कंजर्वेंशन: सदर मंजिल में कुछ कमरे किराए पर।

 

 

PRATYUSHAASHAKINAYIKIRAN.COM
Editor : Maya Puranik
Permanent Address : Yadu kirana store ke pass Parshuram nagar professor colony raipur cg
Email : puranikrajesh2008@gmail.com
Mobile : -91-9893051148
Website : pratyushaashakinayikiran.com