शुक्रवार को बॉम्बे हाइकोर्ट ने अभिनेत्री कंगना रनौत और बीएमसी विवाद पर कंगना के पक्ष में फैसला सुनाया. सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि इस बात के प्रूफ हैं कि स्ट्रक्चर पहले से मौजूद था और बीएमसी ने गलत इरादे से कार्रवाई की थी. जिसके बाद हाईकोर्ट ने बीएमसी के अवैध निर्माण के खिलाफ जारी किए गए नोटिस को भी निरस्त कर दिया. इसके साथ ही कोर्ट ने कंगना को हुए नुकसान के आकलन के लिए मूल्यांकन कर्ता को नियुक्त करने के लिए भी कहा ताकि मुआवजे की राशि निर्धारित की जा सके. कोर्ट ने कंगना को भी सार्वजिन बयानों में संयम बरतने की हिदायत दी है.
कंगना ने जीत को पूरे लोकतंत्र की जीत बताया
कोर्ट द्वारा पक्ष में फैसला सुनाए जाने से कंगना काफी खुश हैं. उन्होंने ट्वीटर पर इस जीत को लेकर एक पोस्ट लिखा है. उन्होंने अपने पोस्ट में लिखा है कि, “जब कोई व्यक्ति सरकार के खिलाफ खड़ा होता है और जीतता है, तो यह व्यक्ति की जीत नहीं है, बल्कि यह लोकतंत्र की जीत है. आप सभी को शुक्रिया जिन्होंने मुझे हिम्मत दी और उन लोगों को धन्यवाद जिन्होंने मेरे टूटे सपनों को हंसाया. इसका सिर्फ एक ही कारण है कि आप एक खलनायक की भूमिका निभा रहे थे, इसलिए मैं एक हीरो बन गई हूं.”
9 सितंबर को कंगना के बंगले के एक हिस्से को गिरा दिया गया था
बता दें कि बीएमसी ने 9 सितंबर क कंगना रनौत के बंगले का एक हिस्सा गिरा दिया था. बीएमसी की इस कार्रवाई के बाद कंगना ने आरोप लगाया था कि शिवसेना और महाराष्ट्र सरकार उनके बयानों से बौखला गई है जिसके कारण उनके बंगले के एक हिस्से को गिरा दिया गया. वहीं बीएमसी ने कंगना के आरोपों का खंडन करते हुए कहा था कि कंगना के ऑफिस में अवैध निर्माण था. जिसके कारण उनके ऑफिस में14 “ उल्लंघनों” की सूची बनाई गई थी. जिसके बाद कंगना ने बीएमसी की कार्रवाई के खिलाफ बॉम्बे हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी. इस पर शुक्रवार को जस्टिस एसजे कैथावाला और आरआई छागला की बेंच ने फैसला सुनाया है.