भोपाल
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि रानी अवन्तीबाई द्वारा राष्ट्र के स्वाधीनता संग्राम में दिए गए योगदान से आज की पीढ़ी को अवगत करवाया जाना चाहिए। इसके लिए रानी अवन्तीबाई लोधी जयंती समारोह के आयोजन की रूपरेखा तैयार की जाए। साथ ही रानी अवन्तीबाई के जीवन और कार्यों पर फिल्म निर्माण, चित्र प्रदर्शनी, चित्रकथा के प्रकाशन, विचार गोष्ठी और परिचर्चा सत्र आयोजित करने, निबंध एवं आलेख लेखन प्रतियोगिता करवाने और प्रमुख भाषाओं में सचित्र कॉफी टेबल बुक प्रकाशित करवाने का कार्य किया जाए।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि रानी अवन्तीबाई के जीवन पर श्रीनिवास द्विवेदी द्वारा लिखे गए खंड काव्य और डॉ. सुरेश मिश्र के शोध कार्य एवं प्रकाशन की जानकारी शिक्षण संस्थाओं के माध्यम से विद्यार्थियों को प्रदान की जाए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने सुशासन भवन में आयोजित बैठक में रानी अवन्तीबाई जयंती समारोह के प्रस्तावित आयोजन के संबंध में वरिष्ठ अधिकारियों को निर्देश दिए।
उल्लेखनीय है कि रानी अवन्तीबाई ने 27 वर्ष की उम्र में राष्ट्र के लिए बलिदानदिया। उन्होंने अंग्रेजों से युद्ध करते हुए 20 मार्च 1858 को अपने प्राणों का उत्सर्ग किया। पति राजा विक्रमादित्य सिंह के अस्वस्थ रहने पर रामगढ़ रियासत का संचालन संभाला और अपने क्षेत्र से ब्रिटिश नियंत्रण को समाप्त किया। अंग्रेजों की कई गुना समृद्ध सेना से संघर्ष करते हुए रानी अवन्तीबाई ने प्राणों की आहुति दी। बैठक में बताया गया कि जबलपुर जिले के मनकेडी बरगी में रानी अवन्तीबाई लोधी उद्यान का कार्य किया जा रहा है। डिण्डोरी जिले के बालपुर में वीरांगना रानी अवन्तीबाई संग्रहालय का निर्माण पूर्ण होने की स्थिति में है।
बैठक में उप मुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा, नगरीय विकास एवं आवास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय, पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री प्रहलाद पटेल, स्कूल शिक्षा मंत्री उदय प्रताप सिंह, संस्कृति एवं पर्यटन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) धर्मेंद्र सिंह लोधी, मुख्य सचिव श्रीमती वीरा राणा, मुख्यमंत्री कार्यालय में अपर मुख्य सचिव डॉ. राजेश राजौरा, प्रमुख सचिव संस्कृति शिवशेखर शुक्ला और अन्य अधिकारी उपस्थित थे।