खंडवा
खंडवा में महापौर अमृता यादव के सरकारी वाहन का चालान काटने का विवाद अभी थमा नहीं है। मामले में शुक्रवार रात करीब 10 बजे नगर निगम में भाजपा की आदिवासी महिला पार्षद ने नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस पार्षद के खिलाफ केस दर्ज कराया है।
निगम परिसर में खड़ी गाड़ी का काटा था चालान
खंडवा में शुक्रवार दोपहर नगर निगम परिसर में खड़ी भाजपा महापौर अमृता यादव की सरकारी गाड़ी का चालान काट दिया गया। गाड़ी के नंबर प्लेट पर BOSS लिखा था, जो ट्रैफिक नियमों के खिलाफ हैं। निगम में नेता प्रतिपक्ष ने मुल्लू राठौर ने ट्रैफिक टीआई से शिकायत की थी। कांग्रेस पार्षदों ने गाड़ी के सामने धरना दे दिया। मौके पर पहुंचे टीआई सौरभ सिंह कुशवाह ने चालान काट दिया।
महापौर के ड्राइवर के वहां मौजूद नहीं होने पर नेता प्रतिपक्ष ने ही जुर्माने की राशि 500 रुपए भर दी। इस दौरान कांग्रेसी पीएम मोदी का मुखौटा पहने हुए थे। भाजपा नेताओं को जब इसकी जानकारी लगी, तो उन्होंने हंगामा कर दिया।
रात में महिला पार्षद ने कोतवाली पहुंचकर की शिकायत
भाजपा की आदिवासी पार्षद रोशनी गोलकर अन्य नेताओं के साथ रात में ही कोतवाली थाने पहुंची। उन्होंने नेता प्रतिपक्ष मुल्लू राठौर के खिलाफ शिकायत की। इसमें महिला पार्षद ने कहा कि मुल्लू राठौर ने नगर निगम परिसर में बिना अनुमति भीड़ जुटाई। हैंडहोल्ड लाउड स्पीकर का इस्तेमाल किया, जो गैरकानूनी है। इसके बाद पुलिस ने मुल्लू राठौर के खिलाफ केस दर्ज किया। की है।
इधर, महिला कांग्रेस की जिलाध्यक्ष रचना तिवारी का कहना है कि चालानी कार्रवाई की खुन्नस निकालने के लिए भाजपा ने पुलिस पर दबाव बनाया। इसके बाद मुल्लू राठौर के खिलाफ एफआईआर कराई गई। ये दर्शाता है कि लोकतंत्र में किस तरह आमजन और विपक्ष की आवाज को कुचला जाता है।
नेता प्रतिपक्ष बोले- केस के खिलाफ हाईकोर्ट जाएंगे एफआईआर को लेकर नेता प्रतिपक्ष मुल्लू राठौर का कहना है कि पुलिस ने सत्ता के दबाव में मामला दर्ज किया है। केस को हाईकोर्ट में चुनौती देंगे। भीड़ मैंने नहीं, बल्कि भाजपा वालों ने जुटाई थी। आप सारे वीडियो देखिए, कांग्रेस से सिर्फ पार्षद मौजूद थे। वे लोग निगम के साधारण सम्मेलन में आए थे।
बाकी बीजेपी के छुटभैया टाइप के नेता भी नगर निगम पहुंच गए थे। प्रदर्शन उन्होंने किया। रही बात लाउडस्पीकर की तो, वो हैंड हैंड होल्ड स्पीकर है। मैं सम्मेलन के भीतर हर दफा ले जाता हूं। नियम कानून का हवाला देते हुए आज तक मुझे किसी निगम अधिकारी ने नहीं रोका। कुल मिलाकर आवाज दबाने की कोशिश है। हम लोग नहीं डरेंगे।