बताया जाता है कि जिस तेजाराम को ड्राइवर बताया कर गिरफ्तार किया गया था, उन्होंने कभी साइकिल तक नहीं चलाई थी. विरोध की आंच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Chief Minister Ashok Gehlot) तक भी पहुंची थी, उन्होंने इसकी जांच सीआईडी अपराध शाखा को सौंपी थी.
उदयपुर (Udaipur) के खेरादा थाने में एनडीपीएस के मामले में गिरफ्तार हुए तेजाराम को अब निर्दोष मान लिया गया है. अपराध शाखा के एसपी विकास शर्मा ने उदयपुर पुलिस को जांच के बाद निष्कर्ष रिपोर्ट भेजकर तेजाराम के विरुद्ध साक्ष्य नहीं होने के चलते रिहाई की कार्रवाई शुरू करने का निर्देश दिया है. एक बेकसूर को आरोपी बनाने के इस मामले में उदयपुर पुलिस के रवैये को न्यूज18 ने प्रमुखता से उठाया था और अब तेजाराम के खिलाफ साक्ष्य नहीं होने पर उन्हें छोड़ने की कार्रवाई करने का आदेश जारी हो चुका है.
गिरफ्तारी का हुआ था विरोध
मामला खेरोदा थाना क्षेत्र का था, जहां डोडा चुरा जब्त किया गया और इस मामले में स्कॉर्पियों चालक के रूप में सुमेरपुर के पास बांकली गांव के तेजाराम देवासी को गिरफ्तार किया गया था. इस मामले की जांच वल्लभनगर थाना पुलिस को दी गई थी. वल्लभनगर थाने के एसएचओ सुमेर सिंह को तेजाराम को गिरफ्तार नहीं करने के मामले में मिलीभगत के आरोप के बाद निलंबित कर दिया गया था. बाद में स्कॉर्पियों का ड्राइवर बताकर तेजाराम को गिरफ्तार कर लिया गया था. पाली, सुरमेरपुर और उदयपुर के कई लोगों ने इस गिरफ्तारी का विरोध किया था और उदयपुर आईजी से मुलाकात कर इस गिरफ्तारी को गलत बताया था.
साइकल चलाना भी नहीं जानता था गिरफ्तार स्कॉर्पियो चालक
बताया जाता है कि जिस तेजाराम को ड्राइवर बताया कर गिरफ्तार किया गया था, उन्होंने कभी साइकिल तक नहीं चलाई थी. तेजाराम के फेवर में शुरू हुए आंदोलन की आग जयपुर तक पहुंची और मुख्यमंत्री के सामने भी शिकायत दर्ज कराई गई. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इसकी जांच सीआईडी अपराध शाखा को सौंपी.
मुख्यमंत्री के आदेश पर हुई सीआईडी जांच
मुख्यमंत्री के आदेश के बाद सीआईडी अपराध शाखा ने पूरे दस्तावेज मंगवाए और अब इसकी जांच पूरी होने के बाद तेजाराम को न्याय मिला और वह निर्दोष माने गए. अपराध शाखा के एसपी विकास शर्मा ने उदयपुर पुलिस को जांच के बाद अपनी रिपोर्ट भेजकर तेजाराम के विरुद्ध साक्ष्य नहीं होने के चलते रिहाई की कार्रवाई शुरू करने का निर्देश दिया है. तेजाराम को इस मामले में गिरफ्तार करवाने के पीछे कुछ अधिकारियों के नाम भी सामने आए थे. ऐसे में अब निर्दोष तेजाराम को गिरफ्तार करने वाले अधिकारियों और पुलिसकर्मियों पर विभागीय कार्रवाई की तलवार लटक रही है.