गुवाहाटी
असम में एक हैरान कर देने वाली खबर सामने आई है। यहां एक फीमेल अभ्यर्थी के साथ तलाशी के नाम पर बेशर्मी की गई। महिला पुलिसकर्मी ने अभ्यर्थी के पकड़े उतरवाए। उसकी ब्रा और पेंटी तक में हाथ डालकर तलाशी ली। छात्रा रो पड़ी। बाहर आकर उसने महिला पुलिसकर्मी के किए गए बर्ताव को बयां किया तो सियासत शुरू हो गई। मामला तूल पकड़ा और अब असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने नामले में जांच के आदेश दिए हैं।
घटना नलबाड़ी की है। रविवार को यहां समूह-तीन के पदों पर भर्ती के लिए परीक्षा आयोजित की गई थी। अभ्यर्थी ने आरोप लगाया कि वह एग्जाम देने के लिए पहुंची। इस दौरान उसकी तलाशी ली गई।
कमरे में ले जाकर ली तलाशी
युवती ने आरोप लगाया, 'मुझे जांच के नाम पर महिला पुलिस कर्मी ने कमरे में रोका। मेरे कपड़े उतरवाए। अंदर के कपड़ों में हाथ डालकर तलाशी ली। मुझे बहुत शर्मिंदगी महसूस हो रही थी। चेकिंग के बाद मुझे वहां से जाने को कहा गया।'
अभ्यर्थी को लगा सदमा
पीड़िता ने कहा, 'इस घटना के बाद मेरा दिमाग काम नहीं कर रहा था। मुझे लगा कि मेरे साथ यह क्या हुआ? मेरी आंखों में आंसू आ गए। मेरा मन एग्जाम देने में भी नहीं लग रहा था, बस ऐसा लग रहा था कि महिला पुलिसकर्मी का हाथ मेरे शरीर पर रेंग रहा है।'
डीजीपी की सफाई
रविवार को सीधी भर्ती परीक्षा के लिए 11.23 लाख से अधिक छात्र उपस्थित हुए। असम के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) जीपी सिंह ने उत्तरी लखीमपुर में एक अन्य घटना की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि उसी दिन एक अन्य छात्रा के अंतःवस्त्र से नकल सामग्री बरामद की गई थी, इसलिए महिला पुलिसकर्मी ने शक के आधार पर युवती की तलाशी ली।
डीआईजी को आदेश
डीजीपी जीपी सिंह ने कहा कि पुलिस ने शिकायत का संज्ञान लिया है और रेंज डीआईजी को मामले की जांच करने का निर्देश दिया गया है। असम के डीजीपी ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, 'चूंकि सेंट्रल वेस्टर्न रेंज के रेंज डीआईजी और नलबाड़ी की जिला आयुक्त और जिला पुलिस अधीक्षक सभी महिलाएं हैं, इसलिए आगे की कार्रवाई के लिए तथ्यात्मक स्थिति जल्द ही पता चल जाएगी।'
क्या बोले हिमंत बिस्व सरमा
सीएम हिमंत ने कहा कि नलबाड़ी घटना पर पुलिस को मेरा निर्देश – मैंने असम के डीजीपी से बात की है और उन्हें उस घटना की जांच करने का निर्देश दिया है। उन्होंने कहा, 'मेरे लिए हमारी माताओं और बहनों की गरिमा तथा सम्मान सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण है और इससे कोई समझौता नहीं किया जा सकता।' उन्होंने कहा कि सरकार के सामने असम सीधी भर्ती परीक्षा (एडीआरई) को पूरी तरह से ईमानदारी और पारदर्शिता के साथ आयोजित करने का महत्वपूर्ण जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि यह भी सुनिश्चित करना चाहिए कि महिला अथ्यर्थियों की गिरमा हमेशा बरकरार रहे।
मुख्यमंत्री ने कहा, 'महिलाओं से संबंधित तलाशी के संबंध में माननीय न्यायालयों के प्रासंगिक निर्णयों और महिला आयोग के दिशानिर्देशों को ध्यान में रखते हुए एक एसओपी बनाई जानी चाहिए और इसे अगली परीक्षा से पहले प्रसारित किया जाना चाहिए।'
असम में समूह-तीन के रिक्त पदों को भरने के लिए सीधी भर्ती परीक्षा रविवार को कड़ी सुरक्षा के बीच आयोजित की गई जिस दौरान राज्य भर में साढ़े तीन घंटे तक इंटरनेट सेवाएं निलंबित रहीं। प्रतियोगी परीक्षा के दौरान किसी अप्रिय घटना की सूचना नहीं मिली। राज्य भर में 2,305 केंद्रों पर कुल 11,23,204 अभ्यर्थी परीक्षा देने के लिए पात्र थे।