नई दिल्ली
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव का कहना है कि रेलवे ट्रैक पर पत्थर, लोहा जैसी तमाम चीजें रखकर ट्रेनें पलटाने की साजिश रचने वालों पर हमारी नजर है। रेल मंत्री ने कहा कि इन मामलों को हम गंभीरता से ले रहे हैं और एनआईए को भी ऐसे केसों की जांच में शामिल किया गया है। उन्होंने कहा, 'रेल प्रशासन ने इन मामलों को गंभीरता से लिया है। हम राज्य सरकारों, डीजीपी, गृह सचिवों और पुलिस आदि से संपर्क में हैं। इसके अलावा एनआईए को भी शामिल किया गया है।' मंत्री ने सख्त लहजे में कहा कि हम उन लोगों के खिलाफ कड़ा ऐक्शन लेंगे, जो ऐसे मामलों में शामिल हैं। रेल प्रशासन बहुत मेहनत कर रहा है कि ऐसी कोई घटना दोबारा रेल ट्रैक पर न हो।
इसके अलावा हम गड़बड़ी करने वालों की भी पकड़ करेंगे। उन्होंने कहा कि रेलवे सभी जोन और आरपीएफ को साथ लेकर सुरक्षा तय करने में जुटा है। कानपुर, अजमेर समेत कई जगहों पर ऐसे मामले सामने आए हैं, जब रेल ट्रैक पर रॉड, पत्थर जैसी तमाम चीजें रख दी गईं। एक जगह पर तो रसोई गैस का सिलेंडर ही पाया गया था। ऐसे तमाम मामलों में रेल ड्राइवरों की सतर्कता से हादसों को टालने में मदद मिली, लेकिन सवाल तो उठता ही है कि आखिर कौन लोग ऐसी वारदातों को अंजाम दे रहे हैं। आखिर क्यों ये लोग ट्रेनों को पलटाकर देश में बड़ा हादसा कराना चाहते हैं।
अभी 22 सितंबर को ही एक ऐसा केस सामने आया, जब रेलवे ट्रैक पर गैस सिलेंडर पाया गया था। ट्रेन के चालक की सूझबूझ के चलते बड़ा हादसा टल गया और ड्राइवर ने इमरजेंसी ब्रेक लगा दिए थे। यह ट्रेन कानपुर से प्रयागराज जा रही थी। ऐसा ही एक मामला कानपुर में ही 15 सितंबर को भी सामने आया था। तब किसी ने कालिंदी एक्सप्रेस के सामने सिलेंडर और कुछ अन्य आपत्तिजनक चीजें रख दी थीं।
इसके अलावा 21 सितंबर को अज्ञात लोगों ने पटरियों से फिश प्लेट निकाल लिए थे। इसकी जानकारी कीमैन सुभाष कुमार ने अधिकारियों को दी थी और फिर तत्काल उस रूट पर आने वाली ट्रेनों को घटना वाले स्थल से कुछ दूर पहले ही रोक दिया गया। हालांकि रेलवे ने इस मामले में तीन लोगों को गिरफ्तार किया है, जो उसके ही कर्मचारी निकले हैं। वहीं बठिंडा दिल्ली रूट पर भी रविवार को ऐसा मामला सामने आया, जब रेलवे ट्रैक पर 9 रॉड रखे पाए गए। यह घटना सुबह 3 बजे की थी।