श्रम मंत्रालय की ओर से सर्विस सेक्टर में काम करने वाले कर्मचारियों के लिए मॉडल स्टेंडिंग ऑर्डर लाए जाने पर विचार हो रहा है. इसमें काम करने के तरीके को और लचीला बनाए जाने पर विचार किया जा रहा है.
कोरोना वायरस (कोविड-19) महामारी के कारण ऑफिस में वर्क कल्चर को लेकर काफी बदलाव देखने को मिला है. कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए कार्यस्थलों पर वर्क फ्रॉम होम की सुविधा भी दी जा रही है. इसके तहत कर्मचारी अपना ऑफिस का काम घर से ही कर सकते हैं. वहीं अब सरकार ऐसे नियम लाने पर विचार कर रही है, जिसके तहत कर्मचारियों को वर्क फ्रॉम होम के विकल्प को चुनने का मौका मिल सकेगा.
रिपोर्ट्स के मुताबिक केंद्र सरकार सर्विस सेक्टर के लिए नए नियमों को लाने पर विचार कर रही है. नए नियमों में काम के समय में लचीलापन और वर्क फ्रॉम होम का विकल्प भी शामिल है. इसको लेकर श्रम मंत्रालय की ओर से इस मॉडल स्टेंडिंग ऑर्डर को जल्द पब्लिक फीडबैक के लिए जारी किया जा सकता है.
वर्क फ्रॉम होम के विकल्प पर विचार
दरअसल, श्रम मंत्रालय की ओर से सर्विस सेक्टर में काम करने वाले कर्मचारियों के लिए मॉडल स्टेंडिंग ऑर्डर लाए जाने पर विचार हो रहा है. इसमें काम करने के तरीके को और लचीला बनाए जाने पर विचार किया जा रहा है. नए नियमों में एक हफ्ते में 48 घंटे काम करने के साथ ही काम करने के तरीके को आसान बनाने पर चर्चा हो रही है. काम को आसान बनाने के लिए वर्क फ्रॉम होम के विकल्प पर भी विचार किया जा रहा है. सर्विस सेक्टर के लिए पहले मॉडल स्टेंडिंग ऑर्डर नहीं था.
रिपोर्ट्स के मुताबिक श्रम सचिव अपूर्वा चंद्रा का कहना है कि 48 घंटे की साप्ताहिक वर्किंग ऑवर लिमिट रहेगी लेकिन आप जो भी काम करना चाहते हैं, उसके लिए लचीलापन रहेगा. काम करने के तरीके में लचीलेपन और घर से काम करने के विकल्प को इसमें शामिल किया जाएगा
कानूनी गाइडलाइन
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक विशेषज्ञों ने कहा कि मॉडल स्टेंडिंग ऑर्डर एक कानूनी गाइडलाइन की तरह होगा. यह कर्मचारी और नियोक्त दोनों पर लागू होंगी. इसमें अपने काम को कहां किया जाना है, इसको चुनने का मौका मिलेगा. पूरी तरह वर्क फ्रॉम होम, हाइब्रिड वर्क फ्रॉम होम या ऑफिस से काम करने का विकल्प इसमें शामिल रहेगा.