आने वाले बजट में MSME सेक्टर को बड़ी राहत मिल सकती है. मनी कंट्रोल की खबर के मुताबिक, केंद्र सरकार MSMEs से जुड़े NPA क्लासीफिकेशन पीरियड को 90 दिन से बढ़ाकर 120-180 दिन कर सकती है.
आने वाले बजट में MSME सेक्टर को बड़ी राहत मिल सकती है. मनी कंट्रोल की खबर के मुताबिक, केंद्र सरकार MSMEs से जुड़े NPA क्लासीफिकेशन पीरियड को 90 दिन से बढ़ाकर 120-180 दिन कर सकती है. महामारी से जूझ रहे छोटे और मझोले कारोबारियों को राहत देने के लिए सरकार बजट में इन नियमों में ढील का ऐलान कर सकती है. बता दें इस तरह के बदलाव के लिए किसी भी तरह के कानून में संशोधन की जरूरत नहीं होती है.
मनी कंट्रोल की खबर के मुताबिक, इस बार के बजट में नॉन परफॉर्मिंग एसेट्स से जुड़े नियमों में राहत संभव है. बता दें वर्तमान में किसी भी लोन को उस समय नॉन परफॉर्मिंग एसेट्स घोषित किया जाता है जब उस लोन का ब्याज या मूल राशि की किश्त 90 दिन के बाद भी जमा नहीं होती है.
मोरेटेरियम का फायदा लेने वाले ग्राहकों को मिल रही छूट
बता दें महामारी के दौरान आरबीआई की ओर से दी गई मोरेटोरियम सुविधा का फायदा इन लोगों को भी मिल रहा है. इस नियम में उनको छूट मिलती है जो moratorium में आते हैं.
120-180 दिन तक हो सकती है अवधि
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, केंद्र सरकार इस अवधि को 90 दिनों से बढ़ाकर 120 से 180 दिन करने पर विचार कर रही है. इस मुद्दे पर कई बार चर्चा की जा चुकी है. तो माना जा रहा है कि इस बार के बजट में इस पर ऐलान संभव है.
इंडस्ट्री और बैंक दोनों को मिलेगा फायदा
बजट बनाने वालों का मानना है कि इस तरह की राहत से इंडस्ट्री और बैंक दोनों को ही फायदा मिलेगा. इससे छोटे और मझोली कंपनियों को भी कर्ज चुकाने में मदद मिलेगी इसके अलावा डिफाल्टर होने का खतरा भी नहीं रहेगा.
इसके अलावा बैंकों की बात करें तो महामारी में मोरेटोरियम खत्म होने के साथ ही एनपीए में इजाफा होने की संभावना है. केंद्र सरकार का मानना है कि अगर इस अवधि को बढ़ा दिया जाता है तो इसे स्थाई बनाने से बैंकों को कोविड की वजह से होने वाले डिफाल्ट के बावजूद अपनी कैपिटल एडीक्वेसी रेश्यो बनाए रखने में सहायता मिलेगी.