इंदौर
इस समय श्राद्ध पक्ष चल रहा है। हिंदू धर्मावलंबी अपने पितरों की शांति तथा मुक्ति के लिए इन दिनों श्राद्ध, पिंड दान, तर्पण आदि धार्मिक क्रियाएं कर रहे हैं। मध्य प्रदेश में भी सभी जगह पर पितृ तर्पण के कार्य किए जा रहे हैं। इंदौर में सेंट्रल जेल में भी 500 से अधिक महिला एवं पुरुष कैदियों ने भी श्राद्ध पक्ष में विधि-विधान से पितरों का तर्पण कर आशीर्वाद लिया।
सेंट्रल जेल में किया गया पितृ तर्पण का कार्यक्रम
दरअसल इंदौर सेंट्रल जेल में सभी कार्यक्रम बड़े ही सौहार्द और एकता के साथ मनाए जाते हैं। इसी परंपरा के तहत इस समय चल रहे श्राद्ध पक्ष में तमाम स्थानों पर पितृ तर्पण (Pitru Tarpan 2024) का कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है। इसी के तहत सेंट्रल जेल में भी बंदियों के लिए जेल प्रशासन द्वारा पितृ तर्पण का कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस बार महिला कैदियों ने भी अपने पूर्वजों को याद करते हुए उनके निमित्त पितृ तर्पण किया।
पितरों के निमित्त तर्पण से मिलती है मानसिक शांति
जेल अधीक्षक अलका सोनकर ने बताया कि पितृ तर्पण से मानसिक शांति की अनुभूति होती है। इसी कारण से बंदियों के लिए कार्यक्रम आयोजित किया गया है। कार्यक्रम में उज्जैन के पुजारी श्याम गुरु महाराज ने बताया कि श्राद्ध पक्ष में पितरों के तर्पण का अलग ही महत्व है। जिस प्रकार शरीर को भोजन की आवश्यकता होती है, उसी प्रकार पितरों को भी तर्पण की आवश्यकता होती है।
पितृ तर्पण के लिए गया की मिट्टी एवं जल का हुआ प्रयोग
श्राद्ध पक्ष के 16 दिनों में पितरों को तर्पण देने से हमें इसका लाभ मिलता है। सेंट्रल जेल में पितृ तर्पण के लिए गया की शुद्ध मिट्टी और जल लाया गया है और उसी से बंदी भाई अपने पितरों का तर्पण कर रहे हैं। इस बार अनोखी बात यह है कि महिलाओं को भी इस पितृ तर्पण में शामिल किया गया है एवं महिलाएं भी अपने पूर्वजों की शांति एवं मुक्ति के लिए पितृ तर्पण कर रही हैं।