दीनदयाल अंत्योदय योजना
भोपाल
प्रदेश में नगरीय विकास एवं आवास विभाग की दीनदयाल अंत्योदय योजना – राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन (DAY-NULM) क्षेत्र के गरीबों के लिये स्वयं का व्यवसाय शुरू करने में काफी मददगार साबित हुई है। इस योजना का देवास में तीन व्यक्तियों को जो लाभ मिला उससे उनकी समाज में प्रतिष्ठा बढ़ी है।
रूप सिंह वर्मा देवास शहर में एक छोटी से दुकान में जूते चप्पल का व्यवसाय चलाकर अपने परिवार का पालन पोषण मुश्किल से कर पा रहे थे। वे हमेशा सोचा करते थे कि अपने व्यापार को किस तरह बढ़ाये उनके सामने सबसे बड़ी समस्या पूंजी की थी। उन्हें देवास नगर निगम की डीएवाय-एनयूएलएम जानकारी मिली। इस संबंध में उन्होंने अधिकारियों से मुलाकात की। इसके बाद उनका प्रकरण तैयार हुआ और उन्हें राष्ट्रीयकृत बैंक से दो लाख रूपये का ऋण प्राप्त हुआ। इसके बाद उन्होंने अपनी दुकान में पर्याप्त मात्रा में स्टॉक रखा और उनकी दुकान पहले के मुकाबले अच्छी चलने लगी। आज उन्हें प्रतिमाह औसत रूप से 18 हजार रूपये की आमदनी हो जाती है।
मधुबाला – देवास शहर की रहने वाली मधुबाला एक छोटा सा जनरल स्टोर चलाकर सीमित रूप से आमदनी प्राप्त कर रही थी। मधुबाला भाट को स्व-रोजगार योजना की जानकारी मिली। इसके बाद उन्होंने नगर निगम देवास में आवेदन दिया। उनके प्रकरण में भी दो लाख रूपये की राशि मंजूर हुई। इसके बाद उनके दुकान में सामान की वेरायटी होने के कारण ग्राहकों की संख्या में इजाफा हुआ। मधुबाला बताती है कि उन्हें प्रतिमाह 15 से 20 हजार रूपये की आमदनी हो रही है। वे नियमित रूप से बैंक ऋण की किश्त भी चुका रही है।
दीपक कुमावत – देवास के दीपक वेल्डिंग का तो कार्य किया करते थे लेकिन वेल्डिंग से संबंधित पूरी मशीने उनके पास नहीं थी। उन्हें देवास नगर निगम की स्व-रोजगार योजना की जानकारी मिली। उन्होंने अधिकारियों के सामने अपने वेल्डिंग कार्य को और बढ़ाने की इच्छा व्यक्त की। उन्हें ऋण के रूप में मिली दो लाख रूपये की राशि से वेल्डिंग से संबंधित नई तकनीक की अन्य मशीन खरीदी है। अब वे बताते है कि वे सभी प्रकार की वेल्डिंग का कार्य करने में सक्षम हो गये हैं। उन्हें अब इतनी आमदनी हो जाती है कि वे अपने परिवार का जीवन निर्वह अच्छे तरीके से कर पा रहे है। वे नियमित रूप से बैंक की किश्त भी अदा कर रहे हैं।
दीनदयाल अंत्योदय योजना शहरी गरीबों के उत्थान के लिये चलाई जा रही है। इस योजना के माध्यम से व्यवस्था, क्षमता संवर्द्धन, स्व-रोजगार, कौशल प्रशिक्षण और सामाजिक सुरक्षा में जरूरतमंद हितग्राहियों को आर्थिक मदद ऋण के रूप में पहुँचाई जा रही है।