Samsung ने चीन को छोड़कर भारत में 4825 करोड़ रुपए निवेश करने का फैसला किया है. बता दें कि सैमसंग (Samsung) द्वारा उत्तर प्रदेश के नोएडा (Noida) शहर में लगायी जाने वाली इस यूनिट से करीब 1500 लोगों को सीधे तौर पर रोजगार मिलेगा.
साउथ कोरिया की दिग्गज इलेक्ट्रॉनिक्स कंपनी सैमसंग (Samsung) भारत में OLED मोबाइल डिस्प्ले यूनिट (Mobile and IT display production unit) लगाने जा रही है. शुक्रवार को हुई कैबिनेट की बैठक में देश में सैमसंग की ओएलईडी डिस्प्ले यूनिट लगाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई है. इस यूनिट को लगाने के लिए सैमसंग ने भारत में 4825 करोड़ रुपए का निवेश करने का फैसला किया है. गौर करने वाली बात यह है कि यह यूनिट पहले चीन में लगाया जाना था लेकिन कंपनी ने चीन से अपना कारोबार समेटकर यूपी में निवेश करने का फैसला किया है.
UP के नोएडा शहर में बनेगा डिस्प्ले यूनिट
इसके तहत कंपनी यूपी के नोएडा में मोबाइल और आईटी डिस्प्ले बनाने की यूनिट स्थापित करेगी. नोएडा में इस यूनिट को लगाने पर सैमसंग को भारत सरकार की स्कीम फॉर प्रमोशन ऑफ मैन्युफैक्चरिंग ऑफ इलेक्ट्रॉनिक कंपोनेंट्स ऐंड सेमीकंडक्टर्स (एसपीईसीएस) के तहत 460 करोड़ रुपये का वित्तीय प्रोत्साहन मिलेगा.
दुनिया का तीसरा देश भी बन जाएगा भारत
यही नहीं भारत, ओएलईडी तकनीक से निर्मित मोबाइल डिस्प्ले मैन्युफैक्चरिंग करने वाला दुनिया का तीसरा देश भी बन जाएगा. वियतनाम और दक्षिण कोरिया के बाद नोएडा में यह सैमसंग की तीसरी यूनिट होगी. चीन में अपना डिस्प्ले यूनिट बंद करने के बाद सैमसंग ने उसे भारत लाने का फैसला किया है.
1500 से ज्यादा लोगों को मिलेगा रोजगार
उत्तर प्रदेश के निवेश मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने बताया कि भारी-भरकम निवेश और औद्योगिक विकास को देखते हुए योगी सरकार ने सैमसंग के इस प्रोजेक्ट को विशेष प्रोत्साहन देने का फैसला किया है. इस परियोजना के नोएडा में लगने से 1,510 लोगों को प्रत्यक्ष रोजगार मिलेगा. वहीं, बड़ी संख्या में लोगों को अप्रत्यक्ष रोजगार मिलेगा. इस परियोजना के पूरा होने पर यूपी को दुनिया में अलग पहचान मिलेगी. विगत वित्तीय वर्ष में 27 अरब डॉलर के निर्यात के साथ सैमसंग उत्तर प्रदेश में सबसे बड़ा निर्यातक है.
स्टांप ड्यूटी में मिलेगी छूट
केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने भी इलेक्ट्रॉनिक्स कंपनियों को रियायतें दी हैं. इस परियोजना के लिए प्रदेश सरकार इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग नीति के तहत कैपिटल सब्सिडी, स्टांप ड्यूटी में छूट देगी. चीन से विस्थापित होकर उत्तर प्रदेश आ रही इस परियोजना को पूंजी उपादान के लिए भारत सरकार द्वारा निर्धारित मानकों के अनुसार स्थिर पूंजी निवेश में पुरानी मशीनों की लागत को भी अनुमन्य किया जाएगा. बता दें कि सैमसंग समूह ने अगले पांच वर्षों में कुल 50 अरब डॉलर का निर्यात लक्ष्य रखा है.