छत्तीसगढ़ में एक लैब टेक्नीशियन की याचिका पर बिलासपुर हाईकोर्ट ने सामान्य प्रशासन विभाग (GAD) व स्वास्थ्य विभाग के सचिव सहित आधा दर्जन अफसरों को नोटिस जारी किया है। इन अफसरों से लैब टेक्नीशियन को रिटायर्ड किए जाने को लेकर जवाब मांगा गया है। टेक्नीशियन ने अपने रिटायरमेंट को अवैधानिक बताते हुए चुनौती दी है। मामले की सुनवाई जस्टिस पी. सैम कोशी की बेंच में हुई।
शेख बनी इसराइल ने अधिवक्ता सलीम काजी, फैज काजी व शैलेश पुरिया के माध्यम से हाईकोर्ट में याचिका दायर की। बताया कि वह बिल्हा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में मेडिकल लैब टेक्नॉलॉजिस्ट के पद पर कार्यरत था। 22 सितंबर 2008 को शासन ने आदेश जारी किया था कि समस्त कर्मचारी जो 6500-10500 के वेतनमान प्राप्त कर रहे हैं वे राजपत्रित अधिकारी माने जाएंगे।
BMO ने रिटायर किया, शासन को सूचना भी नहीं दी
स्वास्थ्य विभाग कर्मचारी संघ ने इस आदेश का पालन करने के लिए पहल की, पर विभाग ने ध्यान नहीं दिया। इस बीच 30 मार्च 2020 को ब्लॉक मेडिकल अफसर (BMO) ने याचिकाकर्ता को रिटायर कर दिया और शासन को अवगत भी नहीं कराया। याचिका में रिटायरमेंट को अवैधानिक बताते हुए कहा गया, उसके नियुक्ति कर्ता अधिकारी संचालक स्वास्थ्य सेवाएं है। BMO को उसे रिटायरमेंट का अधिकार प्राप्त नहीं है।
रिटायरमेंट बेनीफिट 60 दिन में देने के निर्देश
याचिका में यह भी बताया कि उसे न तो शासन के आदेश 22 सितंबर 2008 का लाभ दिया गया है, न ही पेंशन दी जा रही है। रिटायरमेंट पर प्राप्त होने वाले पेंशन, PF, ग्रेच्युटी व अन्य लाभों की अदायगी भी प्रदान नहीं की जा रही। मामले को सुनने के बाद कोर्ट ने यह भी निर्देश दिया कि याचिका लंबित होने के कारण, पेंशन व अन्य लाभ रोके नहीं जा सकेंगे। याचिकाकर्ता को 60 दिनों के भीतर सेवानिवृत्ति के लाभ दिए जाएं।