यह मिसाइल को बड़े लक्ष्यों को भेदने में कारगर है. खास बात है कि चीन और पाकिस्तान ने भी हवा में दागी जाने वाली क्रूज मिसाइल तैयार की हैं. वहीं, SCALP कई मामलों में खास है.
भारतीय वायुसेना (Indian Air Force) की ताकत में पहले ही इजाफा कर चुका राफेल विमान (Rafale aircraft) अब और शक्तिशाली हो गया है. विमान में SCALP यानी लंबी दूरी के लिए हवा में दागी जाने वाली क्रूज मिसाइल के सॉफ्टवेयर को अपग्रेड कर दिया है. इसके बाद यह विमान अब ऊंची पहाड़ियों पर छिपे दुश्मनों को कम कर सकता है. खास बात है कि इस अपग्रेड के बाद राफेल 4000 मीटर की ऊंचाई पर मौजूद दुश्मनों पर हमला कर सकता है. पहले यह ऊंचाई 2 हजार मीटर तक सीमित थी.
इस सॉफ्टवेयर में बदलाव मिसाइल निर्माता एमबीडीए ने किए हैं. वहीं, निर्माता के साथ भारतीय वायुसेना के बड़े अधिकारियों भी चर्चा में शामिल थे. 450 किग्रा वजनी इस सबसॉनिक मिसाइल की रेंज 300 किमी तक है. भारतीय वायुसेना को कुछ समय पहले फ्रांस (France) से मिले इस विमान में भी कई खासियतें हैं. राफेल में हवा में ही ईंधन भरा जा सकता है.
राफेल में एक पहले से ही एक मिसाइल मीटियोर मौजूद है. इसकी रेंज 100 किलोमीटर तक होती है. वहीं, SCALP मिसाइल का इस्तेमाल टार्गेट कमांड, नियंत्रण, संपर्क जैसे कामों में किया जाता है. यह मिसाइल को बड़े लक्ष्यों को भेदने में कारगर है. खास बात है कि चीन और पाकिस्तान ने भी हवा में दागी जाने वाली क्रूज मिसाइल तैयार की हैं. वहीं, SCALP कई मामलों में खास है.
जनवरी में आ सकती है राफेल की अगली खेप
गौरतलब है कि राफेल विमान की अगली खेप 2021 गणतंत्र दिवस तक आ सकते हैं. इस खेप में तीन विमान शामिल होंगे. फिलहाल भारतीय वायुसेना के पायलटों की ट्रैनिंग के लिए फ्रांस में 7 राफेल विमानों का इस्तेमाल किया जा रहा है. वहीं, राफेल के सभी 36 विमान साल 2021 के अंत तक भारत आ सकते हैं. सीमाओं पर मौजूदा हालात देखें तो भारतीय वायुसेना को ताकतवर हथियारों का काफी जरूरत पड़ेगी.