इंफाल
मणिपुर में पांच दिनों से बंधक बनाए गए दो मैतेई युवकों को रिहा कर दिया गया है। कुकी आदिवासी ग्रामीण स्वयंसेवकों ने उन्हें बंधक बनाया था। यह रिहाई 11 कुकी कैदियों के बदले में हुई है। इन्हें कुछ महीने पहले जमानत मिल गई थी। कैदियों पर हत्या से लेकर ड्रग तस्करी तक के आरोप थे। सुरक्षा कारणों से उन्हें जेल से बाहर नहीं निकाला जा सका था। यह घटना मणिपुर के कांगपोकपी जिले में हुई। कुकी गुट की कमिटी ऑन ट्राइबल यूनिटी (CoTU) ने ओइनम थोइथोई सिंह और थोकचोम थोइथोइबा सिंह को रिहा किया। रिहाई सुबह 5 बजे के आसपास गमगीफाई में हुई। असम राइफल्स और CRPF की टीमों की मौजूदगी में एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी को दोनों युवकों को सौंपा गया।
कुकी और मैतेई में सुलह का यह पहला कदम
इन दोनों के साथ 27 सितंबर को एक और युवक लापता हो गया था, जो उसी दिन घर लौट आया। CoTU ने कुकी और मैतेई प्रतिनिधियों की तस्वीरें जारी कीं। इनमें वे गले मिल रहे थे और हाथ मिला रहे थे। यह तस्वीरें रिहाई के दौरान की हैं। 17 महीनों से चल रहे जातीय संघर्ष के बीच दोनों पक्षों की ओर से सुलह का यह पहला कदम है। इसी दौरान सुरक्षा बलों ने इंफाल की सजीवा जेल से 11 कुकी कैदियों को उनके गृह जिले कांगपोकपी के एक चर्च तक सुरक्षित पहुंचाया। अधिकारियों ने कहा कि दोनों मेइती युवकों और जमानत पर रिहा कैदियों की रिहाई अलग-अलग मामले हैं, लेकिन CoTU ने इसे अदला-बदली करार दिया।
सौहार्दपूर्ण समाधान केंद्र की पहल से संभव
संगठन के प्रवक्ता एनजी लून किपजेन ने एक वीडियो बयान में कहा कि सौहार्दपूर्ण समाधान केंद्र की पहल से संभव हुआ। उन्होंने कहा कि दोनों की रिहाई में देरी हमारे ग्रामीण स्वयंसेवकों की ओर से निर्धारित कुछ शर्तों के कारण हुई। उन्होंने कहा कि पहली मांग थी कि इंफाल से सभी (कुकी) जेल कैदियों को चुराचांदपुर जैसे कुकी-ज़ो क्षेत्र में ट्रांसफर किया जाए। दूसरा फाइलेंगमोंग इलाके में एक पुलिस स्टेशन बनाना था। उन्होंने कहा कि अगर CM (एन बीरन सिंह) ने उन दो बंदियों की परवाह की होती, तो वह कार्रवाई करते। हमने केंद्र से हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया और अंततः केंद्र सरकार के कहने पर DGP ने सौहार्दपूर्ण समाधान तक पहुँचना संभव बनाया।
मैतेई ने जताई चिंताघाटी में सक्रिय कई प्रभावशाली नागरिक समाज समूहों में से एक मैतेई हेरिटेज सोसाइटी ने भी एक बयान जारी कर बंधकों की रिहाई में शामिल केंद्रीय और राज्य बलों, मणिपुर सरकार और अन्य लोगों का आभार व्यक्त किया। लेकिन इसमें कहा गया है कि बंधकों को रिहा करने के लिए एक्सचेंज डील के हिस्से के रूप में कुकी बदमाशों और आतंकवादियों की रिहाई से हम बहुत चिंतित हैं क्योंकि यह एक खतरनाक मिसाल कायम करता है।