देश

किसानों को भ्रमित करने की साजिश, सरकार शंका दूर करने के लिए 24 घंटे तैयार: PM मोदी

PM Modi on Farmers protest: PM मोदी ने कहा कि आज देश ने जब यह ‘‘ऐतिहासिक कदम’’ उठा लिया तो विपक्षी दल किसानों को भ्रमित करने में जुट गए हैं जबकि वे जब सत्ता में थे, तब ऐसे कृषि सुधारों की वकालत करते थे. प्रधानमंत्री ने कहा, ‘आज कल दिल्ली के आसपास किसानों को भ्रमित करने की बड़ी साजिश चल रही है.‘

तीन कृषि कानूनों (Farm law) के खिलाफ राजधानी दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर जारी किसानों के आंदोलन (Kisan Andolan) को विपक्षी दलों की ‘साजिश’ करार देते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Narendra Modi) ने मंगलवार को कहा कि किसानों का कल्याण उनकी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में रहा है और उनकी शंकाओं के समाधान के लिए सरकार चौबीसों घंटे तैयार है. कई विकास परियोजनाओं का यहां शिलान्यास करने के बाद प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन के दौरान विपक्षी दलों पर भी निशाना साधा और कहा कि कृषि सुधारों की मांग वर्षों से की जा रही थी और अनेक किसान संगठन भी यह मांग करते थे कि किसानों को कहीं पर भी अनाज बेचने का विकल्प दिया जाए.

PM मोदी ने कहा कि आज देश ने जब यह ‘‘ऐतिहासिक कदम’’ उठा लिया तो विपक्षी दल किसानों को भ्रमित करने में जुट गए हैं जबकि वे जब सत्ता में थे, तब ऐसे कृषि सुधारों की वकालत करते थे. प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘आज कल दिल्ली के आसपास किसानों को भ्रमित करने की बड़ी साजिश चल रही है. उन्हें डराया जा रहा है कि कृषि सुधारों के बाद किसानों की जमीन पर कब्जा कर लिया जाएगा.’ उन्होंने कहा कि हाल में हुए कृषि सुधारों की मांग वर्षों से की जा रही थी और अनेक किसान संगठन भी यह मांग करते थे कि किसानों को उनका अनाज कहीं पर भी बेचने का विकल्प दिया जाए.

मोदी ने कहा, ‘आज जो लोग विपक्ष में बैठकर किसानों को भ्रमित कर रहे हैं, वह भी अपनी सरकार के समय इन कृषि सुधारों के समर्थन में थे. लेकिन अपनी सरकार के रहते वे निर्णय नहीं ले पाए. किसानों को झूठे दिलासे देते रहे. मैं अपने किसान भाइयों बहनों को बार-बार दोहराता हूं. उनकी हर शंका के समाधान के लिए सरकार 24 घंटे तैयार है. किसानों का हित पहले दिन से हमारी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में से एक रहा है. खेती में किसानों का खर्च कम हो, उनकी आय बढ़े और मुश्किलें कम हों, नये विकल्प मिलें इसके लिए हमने निरंतर काम किया है.’

गौरतलब है कि केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर किसान प्रदर्शन कर रहे हैं. केन्द्र सरकार जहां तीनों कृषि कानूनों को कृषि क्षेत्र में बड़े सुधार के तौर पर पेश कर रही है, वहीं प्रदर्शनकारी किसानों ने आशंका जताई है कि नए कानूनों से एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) और मंडी व्यवस्था खत्म हो जाएगी और और वे बड़े कॉरपोरेट पर निर्भर हो जाएंगे.प्रधानमंत्री ने हाल के दिनों में आए चुनाव नतीजों की ओर इशारा करते हुए कहा कि सरकार की ‘‘ईमानदार नीयत’’ और ईमानदार प्रयास को करीब-करीब पूरे देश ने आशीर्वाद दिया है.

उन्होंने उम्मीद जताते हुए कहा, ‘‘किसानों के आशीर्वाद की ताकत से… जो भ्रम फैलाने वाले लोग हैं, जो राजनीति करने पर तुले हुए लोग हैं, जो किसानों के कंधे पर रखकर बंदूकें चला रहे हैं… देश के सारे जागरूक किसान, उनको भी परास्त करके रहेंगे.’ प्रधानमंत्री ने लोगों से सवाल किया कि क्या कोई डेयरी वाला उनसे दूध लेने का कॉन्ट्रेक्ट करता है तो क्या वह उनके गाय, भैंस ले जाता है या कोई फल और सब्जी का उद्यम करता है तो वह उनकी जमीन ले जाता है. उन्होंने कहा ‘‘ देश में डेयरी उद्योग का योगदान कृषि अर्थव्यवस्था के कुल मूल्य में 25 प्रतिशत से भी ज्यादा है. यह योगदान करीब आठ लाख करोड़ रुपये का होता है. दूध उत्पादन का कुल मूल्य अनाज और दाल के कुल मूल्य से भी ज्यादा होता है. इस व्यवस्था में पशुपालकों को आजादी मिली हुई है.’’

उन्होंने कहा, ‘‘आज देश पूछ रहा है कि ऐसी आजादी अनाज और दाल पैदा करने वाले छोटे और सीमांत किसानों को क्यों नहीं मिलनी चाहिए? प्रधानमंत्री ने कहा कि गुजरात में खेती की परंपरा को आधुनिकता से जोड़ा गया है और फसलों की विविधता पर फोकस किया गया. उन्होंने कहा, ‘‘कच्छ सहित गुजरात में किसान ज्यादा मांग वाली फसलों की तरफ मुड़ गये. सिर्फ डेढ़ दशक में गुजरात में कृषि उत्पादन में 1.5 गुना से ज्यादा वृद्धि हुई है. गुजरात में कृषि सेक्टर मजबूत होने का एक बड़ा कारण यह रहा है कि यहां बाकी उद्योगों की तरह ही खेती से जुड़े व्यापार में भी सरकार टांग नहीं अड़ाती है. सरकार अपना दखल बहुत सीमित रखती है.’’

समारोह के बाद प्रधानमंत्री कच्छ में बसे पंजाबी किसानों के एक समूह से भी मुलाकात की और उनकी बातें सुनीं. किसानों से यह मुलाकात ऐसे समय में हुई है जब राजधानी दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर किसान आंदोलन 20वें दिन की ओर बढ़ रहा है. इन प्रदर्शनकारी किसानों में ज्यादातर पंजाब और हरियाणा के हैं. इससे पहले प्रधानमंत्री ने जिन विकास परियोजनाओं का शिलान्यास किया उनमें दुनिया का सबसे बड़ा नवीकरणीय ऊर्जा पार्क भी शामिल है. इसकी स्‍थापना कच्‍छ जिले में भारत-पाकिस्‍तान सीमा के पास खावड़ा गांव में की जा रही है.

इन परियोजनाओं में ऊर्जा पार्क के अलावा एक विलवणीकरण संयंत्र और एक पूर्ण रूप से स्वचालित दूध प्रसंस्करण तथा पैकिंग संयंत्र शामिल हैं. इस अवसर पर गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी भी उपस्थित थे. प्रधानमंत्री ने कहा कि आज कच्छ में भी नई ऊर्जा का संचार हो रहा है और तीनों ही परियोजनाएं कच्छ की विकास यात्रा में नए आयाम लिखने वाली हैं. उन्होंने कहा, ‘‘हमारे कच्छ में दुनिया का सबसे बड़ा हाईब्रिड रिन्यूएबल पार्क बन रहा है. जितने बड़े सिंगापुर व बहरीन देश हैं, उतने बड़े कच्छ में हाईब्रिड रिन्यूएबल पार्क होने वाला है.’’

उन्होंने कहा, ‘‘एक समय कहा जाता था कि कच्छ इतनी दूर है, विकास का नामोनिशान नहीं है. कनेक्टिविटी नहीं है. चुनौती का एक प्रकार से दूसरा नाम कच्छ था. आज स्थिति ऐसी है कि लोग कुछ वक्त कच्छ में काम करने के लिए सिफारिश करते हैं.’ कच्छ के मांडवी में प्रस्तावित विलवणीकरण संयंत्र से खारे पानी को स्‍वच्‍छ किया जाएगा तथा इससे तीन सौ गांवों की करीब आठ लाख जनसंख्‍या के लिए पीने के साफ पानी की व्‍यवस्‍था की जा सकेगी. ऊर्जा पार्क देश का सबसे बड़ा नवीकरणीय ऊर्जा उत्पादन पार्क होगा. यहां नवीकरणीय ऊर्जा का उत्पादन 30 गीगावॉट तक पहुंचेगा. इनके अलावा प्रधानमंत्री ने कच्छ जिला सहकारी दुग्ध उत्पादक संघ, सरहद डेयरी द्वारा स्थापित किए जाने वाले एक संयंत्र का भी शिलान्यास किया. इस संयंत्र में दो लाख लीटर दूध को प्रशीतित करने की क्षमता होगी.

जनसम्पर्क विभाग – आरएसएस फीड

PRATYUSHAASHAKINAYIKIRAN.COM
Editor : Maya Puranik
Permanent Address : Yadu kirana store ke pass Parshuram nagar professor colony raipur cg
Email : puranikrajesh2008@gmail.com
Mobile : -91-9893051148
Website : pratyushaashakinayikiran.com