शिवराज सरकार ने मंगलवार को हुई कैबिनेट की बैठक में पेट्रोल-डीजल पर टैक्स घटाने की बात कही है, लेकिन यह जुमले से ज्यादा कुछ भी नहीं है। इससे पेट्रोल डीजल की कीमतों में महज एक पैसे की ही कमी आएगी।
सरकार ने पेट्रोलियम कंपनियों की टैक्स गणना की विसंगतियों को दूर करने के लिए 1 फीसदी सेस पर लग रहे सेस को खत्म करने का ऐलान किया है। इससे पेट्रोल और डीजल पर लगने वाले टैक्स यथावत रहेंगे। इससे पेट्रोल और डीजल की कीमतों पर फिलहाल कोई राहत नहीं मिलने वाली है। मंगलवार को राजधानी में पेट्रोल के दाम 91.46 प्रति लीटर है और डीजल के एक लीटर के दाम 81.64 रुपए हैं।
एक साल में पेट्रोल पर 9 रुपए और डीजल पर 8 रुपए TAX बढ़ा चुकी है सरकार, राहत पर पलटी
पेट्रोल: 2020 में 33% वैट+4.5 रु. प्रति लीटर एडिशनल ड्यूटी + 1% सेस मिलाकर हर लीटर पर टैक्स : 39%
2019 में 28% वैट+1.5 रु. प्रति लीटर एडिशनल ड्यूटी + 1% सेस मिलाकर हर लीटर पर टैक्स: 30%
डीजल: 2020 में 23% वैट+3 रु. प्रति लीटर एडिशनल ड्यूटी + 1% सेस मिलाकर हर लीटर पर टैक्स : 27%
2019 पिछले साल 18% वैट+ 1% सेस मिलाकर हर लीटर पर टैक्स: 19%
सरकार की राहत ‘ऊंट के मुंह में जीरा’
2 दिन पहले पेट्रोल-डीजल और रसोई गैस के बढ़े हुए दामों पर कांग्रेस ने राज्यव्यापी विरोध प्रदर्शन किया था। उसके बाद बैकफुट पर आई सरकार ने सेस हटाने की घोषणा की है। पूर्व मंत्री और कांग्रेस नेता पीसी शर्मा ने कहा कि हमने दो दिन पहले सरकार को चेताया था। शिवराज सरकार की यह घोषणा ‘ऊंट के मुंह में जीरा’ जैसी है। हम शीतकालीन सत्र में सरकार को घेरेंगे।