प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को कहा कि इलेक्ट्रॉनिक मैन्यूफैक्चरिंग को जो प्रॉडक्शन-लिंक्ड इंसेंटिव्स (PLI) दिया गया, वही हाई एफीशिएंसी सोलर मॉड्यूल्स को भी दिया जाएगा। इसका मकसद रीन्यूएबल स्रोतों से बिजली उत्पादन को बढ़ावा देना है। उन्होंने कहा कि रीन्यूएबल स्रोतों में 20 अरब डॉलर का सालाना कारोबार पैदा करने की क्षमता है।
री-इन्वेस्ट 2020 कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए उन्होंने वैश्विक निवेशकों को भारत की रीन्यूएबल एनर्जी यात्रा से जुड़ने के लिए आमंत्रित किया। मोदी ने कहा कि अगले दशक में भारत बड़े पैमाने पर रीन्यूएबल एनर्जी योजनाओं को लागू करने वाला है। इससे सालाना करीब 20 अरब डॉलर का कारोबार पैदा हो सकता है।
भारत के पास दुनिया में चौथी सबसे बड़ी रीन्यूएबल ऊर्जा क्षमता
उन्होंने कहा कि आज भारत के पास दुनिया में चौथी सबसे बड़ी रीन्यूएबल ऊर्जा क्षमता है। यह अन्य सभी बड़े देशों के मुकाबले सबसे तेजी से विकास कर रही है। 2022 तक यह क्षमता बढ़कर 220 गीगावाट (GW) तक पहुंच जाएगी, जो अभी 136 GW) है। अभी देश की कुल बिजली उत्पादन क्षमता में रीन्यूएबल एनर्जी कैपिसिटी का हिस्सा करीब 36 फीसदी है।
6 साल में भारत ने अपनी इंस्टॉल्ड रीन्यूएबल एनर्जी क्षमता को ढाई गुना बढ़ाया
मोदी ने कहा कि कारोबारी सहूलियत सुनिश्चित करना सबसे बड़ी प्राथमिकता है और निवेशकों की सुविधा के लिए समर्पित प्रॉजेक्ट डेवलपमेंट सेल स्थापित किया गया है। पिछले 6 साल में भारत ने अपनी इंस्टॉल्ड रीन्यूएबल एनर्जी क्षमता को ढाई गुना बढ़ाया है। 2017 के बाद से हमारा एनुअल रीन्यूएबल एनर्जी कैपिसिटी एडीशन कोयला आधारित ताप बिजली के मुकाबले ज्यादा है।