भोपाल
मध्य प्रदेश के तेंदूपत्ता संग्राहकों के मेधावी बच्चों को राज्य सरकार इंजीनियरिंग, ला और मेडिकल कोर्स की कोचिंग कराएगी। इसके लिए मेधावी बच्चों को कोचिंग का भत्ता भी दिया जाएगा। मध्य प्रदेश राज्य लघु वनोपज संघ ने अपनी एकलव्य शिक्षा विकास योजना का विस्तार करते हुए यह नए प्रविधान किए हैं।
इसके अंतर्गत तेंदूपत्ता संग्राहकों, फड़ मुंशियों एवं प्राथमिक लघु वनोपज समितियों के प्रबंधकों के मेधावी बच्चों को इसी वर्ष से 12वीं में 60 प्रतिशत से अधिक अंकों से उत्तीर्ण होने पर व्यावसायिक कोर्स जैसे इंजीनियरिंग एवं विधि (ला) और मेडिकल की कोचिंग के लिए भत्ता दिया जाएगा।
12 माह तक आठ हजार रुपये प्रति माह
भोपाल, इंदौर, जबलपुर, ग्वालियर एवं रीवा संभागीय मुख्यालयों के लिए 12 माह तक आठ हजार रुपये प्रति माह, अन्य संभागीय मुख्यालयों के लिए छह हजार रुपये प्रति माह तथा संभागीय जिलों को छोड़कर शेष अन्य जिलों के लिए 3500 रुपये प्रति माह कोचिंग भत्ता दिया जाएगा।
नौवीं से स्नातक तक पढ़ाई में आर्थिक मदद करता है संघ लघुवनोपज संघ
वर्ष 2022-23 से एकलव्य शिक्षा योजना के तहत कक्षा 9वीं एवं 10वीं के विद्यार्थियों के लिए 15 हजार रुपये, कक्षा 12वीं के विद्यार्थियों को 18 हजार रुपये, गैर तकनीकी स्नातक उपाधि प्राप्त अध्ययनरत विद्यार्थी के लिए 25 हजार रुपये एवं व्यवसायिक पाठ्यक्रम के विद्यार्थियों के लिए 60 हजार रुपये प्रति वर्ष छात्रवृत्ति प्रदान करता है। अब इंजीनियरिंग, ला और मेडिकल जैसी डिग्री पाठ्यक्रम में प्रवेश पाने के लिए कोचिंग में भी मदद की जाएगी।
मप्र में 16 लाख परिवारों के 41 लाख तेंदूपत्ता संग्राहक
मध्य प्रदेश में वनोपज तेंदूपत्ता संग्रहण करने वाले 16 लाख परिवार है और इनमें कुल 41 लाख तेंदूपत्ता संग्राहक है। इनमें अधिकांश तेंदूपत्ता संग्राहक आदिवासी परिवार है जो जंगल से सटे गांवों में निवास करते हैं और केवल वन संपदा पर ही निर्भर हैं। राज्यपाल मंगुभाई पटेल भी समय-समय पर आदिवासी परिवारों के उत्थान के लिए दिशा-निर्देश देते आए हैं। राज्यपाल की पहल ही वन विभाग इस दिशा में आगे बढ़कर पहल की है।