भारत ने बुधवार को ओडिशा तट से मध्यम दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल (एमआरएसएएम) का सफल परीक्षण किया. नई मिसाइल जमीन से ही हवा में दुश्मन को नापाक मंसूबों को नाकाम कर देगी. इस मिसाइल को इजरायल एयरोस्पेस इंडस्ट्री के सहयोग से रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) ने संयुक्त रूप से विकसित किया है.
भारत ने जमीन से हवा में मार करने में सक्षम मध्यम रेंज की मिसाइल (एमआरएसएएम) का बुधवार को ओडिशा तट से सफल परीक्षण किया. रक्षा सूत्रों ने इस बारे में बताया. उन्होंने बताया कि एकीकृत परीक्षण रेंज (आईटीआर) के परीक्षण स्थल-एक में ‘ग्राउंड मोबाइल लांचर’ से तीन बजकर 55 मिनट पर यह मिसाइल दागी गयी और इसने पूरी सटीकता से लक्ष्य को भेद दिया.
क्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सफल परीक्षण को लेकर डीआरडीओ की टीम को बधाई दी है. सतह से हवा में मार करने वाली मध्य दूरी की इस मिसाइल को डीआरडीओ और आईएआई, इजराय की तरफ से भारतीय सेना के लिए तैयार किया गया है.
इससे पहले एक मानव रहित यान (यूएवी) ‘बंशी’ को हवा में उड़ान के लिए भेजा गया और एमआरएसएएम ने इसे सटीकता से निशाना बनाया. भारत डायनामिक्स लिमिटेड ने एमआरएसएएम का निर्माण किया है.उन्होंने बताया कि भारतीय सेना में इसको शामिल करने से रक्षा बलों की लड़ाकू क्षमता में और बढ़ोतरी होगी.
सूत्रों ने बताया कि परीक्षण के लिए मिसाइल दागे जाने के बाद से समुद्र में इसके गिरने तक विभिन्न रडार और अन्य उपकरणों के जरिए इसकी निगरानी की गयी.राजस्व विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि मिसाइल छोड़े जाने के पहले बालासोर जिला प्रशासन ने परीक्षण स्थल के ढाई किलोमीटर के दायरे में रहने वाले 8100 से ज्यादा लोगों को बुधवार सुबह पास के आश्रय केंद्र में पहुंचा दिया था.