नई दिल्ली
दूरसंचार क्षेत्र की 5जी तकनीक के कारण 2040 तक भारतीय अर्थव्यवस्था में लगभग 450 बिलियन डॉलर यानी करीब 37 लाख करोड़ रुपये का निवेश होने की उम्मीद है। केंद्रीय संचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने यह दावा किया। नई दिल्ली स्थित भारत मंडपम में दुनिया के सबसे बड़े दूरसंचार कार्यक्रमों में से एक वैश्विक मानक संगोष्ठी को संबोधित करते हुए ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा, "अकेले भारत में, 5जी से 2040 तक अर्थव्यवस्था में 450 बिलियन डॉलर का निवेश होने का अनुमान है।"
मंत्री ने जोर देकर कहा कि 5जी केवल तेज इंटरनेट का मामला नहीं है, बल्कि यह स्मार्ट शहरों, उन्नत बुनियादी ढांचे और स्वायत्त नवाचारों के लिए आधार तैयार कर रहा है। सिंधिया ने आगे कहा कि 5जी पहले ही सभी 36 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में शुरू हो चुका है। केंद्रीय मंत्री ने बताया कि केवल 22 महीनों में 98 प्रतिशत जिलों और 80 प्रतिशत आबादी को इसने कवर कर लिया है। उन्होंने कहा कि यह उपलब्धि भारत की तकनीकी शक्ति क्षमता के साथ वैश्विक मानकों के अनुसार नवाचार में हमारे बदलाव के प्रयासों को भी दर्शाती है। उन्होंने कहा, "हम स्वास्थ्य देखभाल, शिक्षा और कृषि व विनिर्माण के क्षेत्र में संभावनाओं के नए द्वार खोल रहे हैं।"
मंत्री ने 5जी, कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) और इंटरनेट ऑफ थिंग्स (आईओटी) जैसी तकनीकों की पूरी क्षमता को अनलॉक करने में अंतरराष्ट्रीय सहयोग के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि वैश्विक मानक यह सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण हैं कि ये तकनीकें सीमाओं के पार सामंजस्यपूर्ण ढंग से काम करें। उन्होंने कहा, "संवाद के महत्व को कम करके नहीं आंका जा सकता। 5जी का चमत्कार, कृत्रिम बुद्धिमत्ता की चमक और इंटरनेट ऑफ थिंग्स की उपयोगिता वैश्विक स्तर पर उद्योगों, समाजों और विनिर्माण प्रक्रियाओं और अर्थव्यवस्थाओं को बदल रही हैं।"
सिंधिया ने एआई और आईओटी जैसी उभरती प्रौद्योगिकियों के बढ़ने की स्थिति में गोपनीयता, पूर्वाग्रह और पारदर्शिता से जुड़ी चिंताओं को दूर करने के लिए नैतिक विचारों और नियामक ढांचे के महत्व पर भी जोर दिया। उन्होंने यह सुनिश्चित करने के लिए एक व्यापक नीतिगत ढांचे का आह्वान किया कि भविष्य के नवाचार, जैसे कि आगामी 6G तकनीक, सभी को समान रूप से लाभान्वित करें और मौजूदा डिजिटल विभाजन को गहरा न करें।
उन्होंने कहा, "आज हम एक नए तकनीकी युग के मुहाने पर खड़े हैं, मोबाइल नेटवर्क 6जी के दौर में प्रवेश करने वाला है, जहां संचार असीम हो जाएगा, जहां नवाचार की कोई सीमा नहीं होगी और मानवता द्वारा, परस्पर जुड़ाव हमारी साझा वैश्विक नियति की आधारशिला बन जाएगा।" सिंधिया ने वैश्विक समुदाय से भविष्य के तकनीकी परिदृश्य को परिभाषित करने वाले मानकों को स्थापित करने और साझेदारी को बढ़ावा देने में एक साथ काम करने का भी आग्रह किया, जिससे यह सुनिश्चित हो सके कि प्रौद्योगिकी का भलाई के लिए इस्तेमाल हो।