भारतीय रक्षा मंत्रालय (Defence Ministry) ने अपनी वार्षिक रिपोर्ट में कहा कि एलएसी (LAC) पर एक से अधिक क्षेत्रों में यथास्थिति को बलपूर्वक बदलने की चीनी सेना की एकतरफा व भड़काऊपूर्ण कार्रवाई का मजबूती से जवाब दिया गया. भारतीय सैनिक (Indian Army) चीनी सैन्यबलों के किसी भी दुस्साहस का जवाब देने के लिए उत्साह से लबरेज है.
भारत और चीन के बीच पूर्व लद्दाख (Ladakh Border Issue) में पिछले साल अप्रैल से सीमा विवाद चल रहा है. सैन्य स्तर पर कई दौर की बात हो चुकी हैं, मगर तनाव कम नहीं हो रहा. इस बीच भारतीय रक्षा मंत्रालय (Defence Ministry) ने अपनी वार्षिक रिपोर्ट में पेश की है, इसमें गलवान घाटी (Galwan Clash) में हुए हिंसक झड़प के बारे में बताया है. रिपोर्ट में बताया गया है कि कैसे चीन ने गैर पारंपरिक हथियारों का इस्तेमाल किया था, फिर भी भारतीय सेना के जवानों ने इस हमले का माकूल जवाब दिया और चीनी सैनिकों को सबक सिखाया.
रिपोर्ट में कहा गया है कि एलएसी (LAC)पर एक से अधिक क्षेत्रों में यथास्थिति को बलपूर्वक बदलने की चीनी सेना की एकतरफा व भड़काऊपूर्ण कार्रवाई का मजबूती से जवाब दिया गया. रिपोर्ट में कहा गया है कि भारतीय सैनिक चीनी सैन्यबलों के किसी भी दुस्साहस का जवाब देने के लिए उत्साह से लबरेज है और भारतीय सेना किसी भी स्थिति के लिए तैयार है.
रक्षा मंत्रालय की रिपोर्ट में कहा गया है, ‘भारतीय सेना ने दोनों देशों के बीच के सभी नियमों व संधियों का पालन किया, जबकि पीएलए ने पारंपरिक हथियारों का उपयेाग नहीं करने के साथ ही भारी संख्या में सैनिकों का जमावड़ा लगाकर स्थिति को बिगाड़ा. भारत और चीन आठ महीने से पूर्वी लद्दाख में सीमा विवाद में उलझे हैं और उससे उनके रिश्ते बहुत तनावपूर्ण हो गए हैं. दोनों पक्षों ने इस विवाद के समाधान के लिए कई दौर की कूटनीतिक और सैन्य वार्ता की, लेकिन अब तक बात नहीं बन पायी है.’
गलवान घाटी की झड़प का जिक्र करते हुए रक्षा मंत्रालय ने कहा कि चीन की तरफ से भी बहुत घायल हुए थे. गलवाल घाटी में 15 जून को दोनों देशों की सेनाओं के बीच झड़प हो गयी थी, जिसमें 20 भारतीय जवान शहीद हो गए थे. रक्षा मंत्रालय ने कहा कि वायुसेना की मदद से भारतीय सेना ने बहुत कम समय से सैनिकों की तैनाती की और बंदूक, टैंक, हथियार, राशन आदि वहां पहुंचाए. 15 जून की घटना के बारे में रिपोर्ट में कहा गया है कि गलवान घाटी में एक बड़ी झड़प में 20 बहादुर भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे. पीएएल को हमारे क्षेत्र में घुसने से रोका. चीनियों को भी बड़ा नुकसान हुआ था.
रक्षा मंत्रालय ने रिपोर्ट में कहा गया है कि भारतीय सेना ने नियंत्रण रेखा और वास्तवित नियंत्रण रेखा पर दुश्मनों का मजबूती से मुकाबला किया और उसने लगातार आतंकवाद विरोधी अभियान चलाए.