वरिष्ठ किसान नेता बलबीर सिंह राजेवाल ने ऐसी अपील करते हुए तमाम किसान संगठनों को चिट्ठी लिखी है. जिसके बाद किसान संगठन मान गए हैं. केंद्र सरकार को इस मसले की औपचारिक तौर पर जानकारी भी दे दी गई है.
मोदी सरकार के नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के आंदोलन का आज 51वां दिन हैं. वहीं, सरकार के साथ विज्ञान भवन में किसान नेताओं की नौवें दौर की बैठक भी चल रही है. इस बीच सूत्रों के हवाले से खबर है कि किसानों की 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस पर प्रस्तावित ट्रैक्टर रैली रद्द हो गई है. वरिष्ठ किसान नेता बलबीर सिंह राजेवाल ने ऐसी अपील करते हुए तमाम किसान संगठनों को चिट्ठी लिखी है. जिसके बाद किसान संगठन मान गए हैं. केंद्र सरकार को इस मसले की औपचारिक तौर पर जानकारी भी दे दी गई है. फिलहाल इस मामले में सरकार और किसान संगठन की ओर से आधिकारिक बयान नहीं आया है.
इससे पहले शुक्रवार को भाकियू नेता राकेश टिकैत ने भी ट्रैक्टर रैली रद्द करने के संकेत दिए थे, हालांकि उनका कहना था कि वह सुप्रीम कोर्ट के कहने के अनुसार फैसला लेंगे. टिकैत ने कहा था कि अगर सुप्रीम कोर्ट कहता है तो किसान ट्रैक्टर रैली नहीं करेंगे.
बीते दिनों भारतीय किसान यूनियन (राजेवाल समूह) के नेता बलबीर सिंह राजेवाल ने किसानों को एक खुले पत्र में स्पष्ट किया है कि ट्रैक्टर मार्च केवल हरियाणा-नई दिल्ली सीमा पर होगा. लाल किले पर ट्रैक्टर रैली निकालने का किसानों का कोई इरादा नहीं है. राजेवाल ने उन किसानों को भी अलगाववादी तत्वों से दूर रहने को कहा है जो लाल किले में बाहर ट्रैक्टर मार्च निकालने की कोशिश कर रहे थे.
कृषि कानूनों के खिलाफ राहुल, प्रियंका और कई अन्य नेताओं ने प्रदर्शन किया
दूसरी ओऱ कांग्रेस ने केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ शुक्रवार को यहां प्रदर्शन किया जिसमें पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा और कई अन्य नेता शामिल हुए.
उप राज्यपाल के निवास के निकट आयोजित इस विरोध प्रदर्शन में राहुल गांधी ने कहा कि तीनों कानूनों को सरकार को वापस लेना पड़ेगा और जब तक ये वापस नहीं लिए जाते, तब तक कांग्रेस पीछे नहीं हटेगी.
उन्होंने आरोप लगाया, ‘भाजपा सरकार कुछ पूंजीपतियों को फायदा पहुंचाने के लिए ये कानून लाई है. ये कानून किसानों को खत्म करने के लिए हैं. सरकार किसानों की जमीन छीनने का प्रयास कर रही है.’