रूस स्पूतनिक-5 (Sputnik V) के लिए भारत (India) में इमरजेंसी अप्रूवल के आवेदन की कोशिशें कर सकता है. बीते साल दिसंबर में रूस ने कोविड-19 की अपनी मुख्य वैक्सीन स्पूतनिक-5 को 60 साल से ज्यादा उम्र के लोगों पर इस्तेमाल की अनुमति दे दी थी.
कोरोना वायरस (Corona Virus) के खिलाफ वैक्सीन (Corona Vaccine) की जंग में रूस भी अपनी रफ्तार तेज कर रहा है. रूस ने गुरुवार को यूरोपीय संघ (European Union) को अपनी वैक्सीन स्पूतनिक-5 के लिए आवेदन करने का फैसला कर लिया. मीडिया रिपोर्ट्स के अुनसार, रूस अगले महीने ईयू को वैक्सीन अप्रूवल के लिए औपचारिक आवेदन देगा. इस बात की जानकारी रूस के सोवरिन वेल्थ फंड ने गुरुवार को दी है.
समाचार एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक, रूस अगले महीने यूरोपियन संघ को वैक्सीन की अनुमति के संबंध में आवेदन देगा. रॉयटर्स की कॉन्फ्रेंस में फंड के मुखिया किरिल दिमित्रिव ने
बताया कि वैक्सीन के समीक्षा किए हुए नतीजे जल्द ही जारी कर दिए जाएंगे, जो इसके प्रभावी होने के बारे में बताएंगे. उन्होंने जानकारी दी कि स्पूतनिक-5 का उत्पादन सात देशों में किया जाएगा.
उन्होंने आगे बताया कि उम्मीद की जा रही है कि 9 देशों के रेग्युलेटर्स घरेलू इस्तेमाल के लिए इस आवेदन पर मुहर लगा सकते हैं. इस वैक्सीन को पहले ही अर्जेंटीना, बेलारूस, सर्बिया और कई जगहों पर अनुमति मिल गई है. इसके अलावा रूस अगले हफ्ते से देश में बड़े स्तर पर वैक्सीन प्रोग्राम की शुरुआत कर सकता है. खास बात है कि रूस कोविड-19 मामलों के लिहाज से विश्व का चौथा देश है.
भारत में भी इमरजेंसी अप्रूवल की संभावनाएं
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, रूस स्पूतनिक-5 के लिए भारत में इमरजेंसी अप्रूवल के आवेदन की कोशिशें कर सकता है. बीते साल दिसंबर में रूस ने कोविड-19 (Covid-19) की अपनी मुख्य वैक्सीन स्पूतनिक-5 को 60 साल से ज्यादा उम्र के लोगों पर इस्तेमाल की अनुमति दे दी थी. खास बात है कि 60 साल से ज्यादा उम्र के लोगों को राष्ट्रीय वैक्सीन प्रोग्राम से बाहर रखा गया था. क्योंकि इस समूह के लोगों पर टीके का अलग से परीक्षण कि
वर्ल्डोमीटर के आंकड़े बताते हैं कि रूस में अब तक कोरोना वायरस के 34 लाख 95 हजार 816 मामले सामने आ चुके हैं. जिनमें से 63 हजार 940 मरीजों की मौत हो गई है. वहीं, 28 लाख 82 हजार 44 लोग स्वस्थ होकर घर लौट चुके हैं. इसके अलावा दुनियाभर में 9 करोड़ 35 लाख 36 हजार 554 लोग कोरोना वायरस की चपेट में आ चुके हैं. जबकि, 20 लाख 2 हजार 465 मरीजों की मौत हो चुकी है.