अक्तूबर माह की अंतिम एकादशी कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी के दिन है। कार्तिक मास की यह एकादशी धनतेरस से एक या दो दिन पहले पड़ती है। इस एकादशी को रमा एकादशी के नाम से जाना जाता है। जो लोग रमा एकादशी का व्रत करके भगवान विष्णु की पूजा करते हैं उनके सभी पाप मिट जाते हैं और उन्हें विष्णु लोक में स्थान मिलता है। आइए जानते हैं अक्तूबर माह की अंतिम एकादशी यानी रमा एकादशी कब है। इस एकादशी का पूजा मुहूर्त और पारण मुहूर्त किस समय है?
एकादशी अक्तूबर 2024
कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि आरंभ: 27 अक्तूबर, रविवार, प्रातः 5:23 बजे से कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि समाप्त: 28 अक्टूबर, सोमवार, प्रातः 10:31 बजे ऐसे में आखिरी एकादशी व्रत अक्टूबर माह में होगा। उदया तिथि क अनुसार 28 अक्तूबर का रमा एकादशी मनाई जाएगी।
2 शुभ योग में रमा एकादशी
रमा एकादशी के दिन दो शुभ योग का निर्माण हो रहा है। पहला ब्रह्म योग सुबह 6 बजकर 48 मिनट तक रहेगा और उसके बाद ऐंद्र योग आरंभ होगा जो पूरे दिन रहेगा। इस दिन पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र दोपहर 3: 24 मिनट तक है और उसके बाद उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र शुरू हो जाएगा।
रमा एकादशी पूजा मुहूर्त
रमा एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा सूर्योदय के समय प्रातः 06:30 बजे से कर सकते हैं।
रमा एकादशी का शुभ चौघड़िया मुहूर्त
- चर-सामान्य मुहूर्त: प्रातः 06:24 से प्रातः 07:49 तक
- लाभ-उन्नति मुहूर्त: प्रातः07:49 से प्रातः 09:15 तक
- अमृत-सर्वोत्तम मुहूर्त: प्रातः 09:15 से प्रातः10:40 तक
- शुभ-उत्तम मुहूर्त: दोपहर 12:06 से दोपहर 01:31 तक
- चर-सामान्य मुहूर्त: सायं 04:23 से सायं 05:48 तक
रमा एकादशी पारण समय
रमा एकादशी व्रत का पारण 29 अक्तूबर मंगलवार को करेंगे। पारण का समय सुबह 6 बजकर 31 मिनट से सुबह 8 बजकर 44 मिनट तक है। पारण वाले दिन द्वादशी तिथि का समापन सुबह 10 बजकर 31 मिनट पर होगा।
रमा एकादशी का महत्व
रमा एकादशी का व्रत करने और भगवान विष्णु की विधि-विधान से पूजा करने से ब्रह्म हत्या का दोष भी मिट जाता है। जो कोई रमा एकादशी व्रत की कथा सुनता या पढ़ता है, उसके सभी पाप नष्ट हो जाते हैं। जीवन के अंत में व्यक्ति स्वर्ग जाता है।