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PAK: सिंधुदेश बनाने की मांग, PM नरेंद्र मोदी की फोटो हाथों में लिए दिखे प्रदर्शनकारी

Pro-freedom rally for Sindudesh in Pakistan: पाकिस्तान में जीएम सईद (GM Syed) की 117वीं जयंती पर सिंध प्रांत (Sindh Province) के सान कस्बे में प्रदर्शनकारियों ने सिंधुदेश की आजादी के लिए रै​ली (Pro-freedom rally for Sindudesh) निकाली. इस अवसर पर प्रदर्शनकारी भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और दुनिया के अलग-अलग देशों के नेताओं की तस्वीरें हाथों में लिए नारा लगा रहे थे.

पाकिस्तान में जीएम सईद (GM Syed) की 117वीं जयंती पर सिंध प्रांत (Sindh Province) के सान कस्बे में प्रदर्शनकारियों ने सिंधुदेश की आजादी के लिए रै​ली (Pro-freedom rally for Sindudesh) निकाली. इस अवसर पर प्रदर्शनकारी भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और दुनिया के अलग-अलग देशों के नेताओं की तस्वीरें हाथों में लिए नारा लगा रहे थे. आपको बता दें कि सईद आधुनिक सिंधी राष्ट्रवाद के जनक माने जाते हैं.

प्रदर्शनकारियों ने सिंध प्रांत को बताया वैदिक सभ्यता का घर
सईद सान में पैदा हुए थे. सान कस्बा पाकिस्तान के सिंध प्रांत के जमशोरो जिले में पड़ता है. प्रदर्शनकारियों ने इस बात ​का दावा किया कि सिंध प्रांत सिंधु घाटी सभ्यता और वैदिक सभ्यता का घर है और जिस पर ब्रिटिश साम्राज्य द्वारा अवैध रूप से कब्जा कर लिया गया था और 1947 में उन्होंने 1947 में पाकिस्तान के मुस्लमानों के हाथों में सौंप दिया था. प्रदर्शनकारियों ने कहा कि सभी दर्दनाक हमलों के बीच सिंध ने अपने इतिहास, संस्कृति, स्वतंत्रता, सहिष्णु और सामंजस्यपूर्ण समाज के रूप में अपनी अलग ऐतिहासिक और सांस्कृतिक पहचान को बनाए रखा है.

देशी और विदेशी भाषा ने एक-दूसरे को प्रभावित किया
जेई सिंध मुत्तहिदा महाज के अध्यक्ष शफी मुहम्मद बुरफात ने कहा कि विदेशी और देशी लोगों की भाषाओं और विचारों ने न केवल एक-दूसरे को प्रभावित किया है बल्कि मानव सभ्यता के सामान्य संदेश को स्वीकार भी किया है. उन्होंने कहा कि पूर्व और पश्चिम के धर्मों, दर्शन और सभ्यता के इस ऐतिहासिक मेल ने हमारी मातृभूमि सिंध को मानवता के इतिहास में एक अलग स्थान दिया है.

चीन के हाथों बेचने की बात से परेशान हो रहे हैं यहां के लोग
पाकिस्तान की इमरान खान सरकार के दौरान सिंध प्रांत में अल्पसंख्यक समुदायों विशेषकर हिंदू, सिख और ईसाई तबके के साथ काफी ज्यादती की खबरें आती रही हैं. इतना ही नहीं, सिंध की जमीन को जबरन चीन को दिया जा रहा है. चीन को मछली पकड़ने के लिए समुद्री इलाके दिए जा रहे हैं.

पाकिस्‍तान में अलग सिंधुदेश बनाने की मांग सिंध की राष्‍ट्रवादी पार्टियां कर रही हैं. इस आंदोलन को सिंध के नेता जीएम सैयद ने बांग्‍लादेश की आजादी 1971 के ठीक बाद शुरू किया था. उन्‍होंने सिंध के राष्‍ट्रवाद को नई दिशा दी और आधुनिक सिंधुदेश का विचार दिया. इस आंदोलन से जुडे़ नेताओं का मानना है कि संसदीय तरीके से आजादी और अधिकार नहीं मिल सकते हैं.

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