रूस में विपक्ष के नेता अलेक्सी नवाल्नी की गिरफ्तारी के विरोध में देश भर में प्रदर्शन हो रहे हैं। 44 साल के एलेक्सी को राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन का विरोधी माना जाता है। वह हाल में ही रूस लौटे हैं। इसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। इससे नाराज हजारों लोग शनिवार को सड़क पर उतर आए और अपना गुस्सा जाहिर किया। सरकार के फैसले के खिलाफ 70 से ज्यादा शहरों में रैलियां की गईं।
इस दौरान मॉस्को और सेंट पीटर्सबर्ग में हिंसा की भी खबरें हैं। यहां प्रदर्शनकारी पुलिस से भिड़ गए। उन्हें रोकने के लिए पुलिस ने ताकत का इस्तेमाल किया। अब तक दो हजार से ज्यादा प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया गया है। इस बीच, जर्मनी, ब्रिटेन, फ्रांस, इटली और यूरोपीय संघ ने एलेक्सी की रिहाई की मांग की है।
प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर हमला किया
प्रोटेस्ट मॉनिटर ग्रुप OVD-Info के मुताबिक, कुल 2,131 लोगों को पुलिस ने पकड़ा है। इनमें राजधानी मॉस्को में 300 और सेंट पीटर्सबर्ग में 162 लोग शामिल हैं। लगभग 70 कस्बों और शहरों में हुई रैलियों में गिरफ्तारी की सूचना है।
वहीं, पुलिस ने बताया कि क्रेमलिन के पास मॉस्को के पुश्किनकाया स्क्वायर में शनिवार को 4,000 प्रदर्शनकारी इकट्ठा हुए थे। उन्होंने पुलिस पर पानी की बोतलें और अंडे फेंकना शुरू कर दिया। लोकल मीडिया ने बताया कि प्रदर्शनकारियों ने तीन अधिकारियों पर सफेद पेंट फेंक दिया। मास्को में हुए प्रदर्शनों में 39 ऑफिसर घायल हुए हैं। सभी को हल्की चोटें आई हैं।
इसी सप्ताह जर्मनी से लौटे थे एलेक्सी
एलेक्सी पांच महीने पहले जर्मनी गए थे। रास्ते में उन्हें जहर दे दिया गया। शक जताया गया था कि एलेक्सी को किसी ने चाय में जहर दिया है। उनके शरीर में मिला जहर रूसी सेना ने सोवियत संघ के दौरान डेवलप किया गया था। इसका आरोप भी पुतिन पर लगा। हालांकि, रूसी सरकार ने आरोपों को गलत बताया था।
एलेक्सी नवालनी इसी सप्ताह जर्मनी से लौटे थे। इसके बाद उन्हें जेल में डाल दिया गया। रूस की कोर्ट ने सोमवार को एलेक्सी को 15 फरवरी तक जेल भेज दिया।
भ्रष्टाचार के खिलाफ मुहिम के लिए जाने जाते हैं
एलेक्सी पुतिन के खिलाफ खुलकर बोलते रहे हैं। भ्रष्टाचार के खिलाफ शुरू की गई मुहिम के लिए भी जाने जाते हैं। उन्होंने 2018 में पुतिन के खिलाफ राष्ट्रपति चुनाव लड़ने के लिए नॉमिनेशन भी फाइल किया था। हालांकि, धोखाधड़ी के मामले की वजह से उनके चुनाव लड़ने पर रोक लगा दी गई थी। नवाल्नी ने आरोपों से इनकार किया था। उन्होंने कहा था कि भ्रष्ट नेताओं के खिलाफ बोलने की वजह से उन पर आरोप लगाए गए।