कृषि कानूनों के विरोध में किसानों को आंदोलन दिनों-दिन तेजी से आगे बढ़ा है। किसानों ने चेतावनी दे रखी है कि 26 जनवरी को दिल्ली में बड़ी संख्या में पहुंच ट्रैक्टर परेड करेंगे। राजस्थान के अलग-अलग जिलों से किसान ट्रैक्टरों के जरिए शाहजहांपुर-खेड़ा हरियाणा बॉर्डर की ओर आगे बढ़ने लगे हैं। अलवर शहर से भी सोमवार को करीब 80 ट्रैक्टर निकले हैं। रास्ते में गांवों से ट्रैक्टरों की संख्या बढ़ती जा रही है। यानी गांवों के किसान भी इन ट्रैक्टर रैलियों में जुड़ते जा रहे हैं।
श्रम राज्यमंत्री टीकाराम जूली भी साथ में
अलवर जिला मुख्यालय पर रूपबास मंदिर परिसर में किसान ट्रैक्टर लेकर आए। यहां से श्रम राज्यमंत्री टीकाराम जूली भी ट्रैक्टर लेकर किसानों के साथ निकले। इस दौरान जूली ने कहा कि किसान दो महीने से शांतिपूर्वक आंदाेलन कर रहा है। पूरे देश के किसान कड़ाके की सर्दी में सड़कों पर हैं। लेकिन, सरकार को परवाह ही नहीं है। कांग्रेस भी किसानों के साथ है। अकेले अलवर जिले से करीब 2 हजार ट्रैक्टर देर शाम तक शाहजहांपुर बॉर्डर के आसपास पहुंच जाएंगे। इसके अलावा प्रदेश के अनेक जिलों से भी बड़ी संख्या में किसान ट्रैक्टर लेकर रवाना हो चुके हैं।
चांदोली में ट्रैक्टर जुड़ेंगे, ततारपुर में रुकेंगे
श्रम राज्य मंत्री जूली ने बताया कि अलवर शहर से किसान ट्रैक्टरों के जरिए ततारपुर की ओर जाएंगे। बीच में चांदोली गांव में बड़ी संख्या में किसान ट्रैक्टरों के काफिले में शामिल होंगे। इसी तरह आगे अलग-अलग गांवों में किसान जुड़ते हुए जाएंगे। उन्होंने बताया कि अलवर शहर से निकले किसान ततारपुर गांव में स्कूल परिसर में रात्रि विश्राम करेंगे। इसके बाद 26 जनवरी को सुबह वे शाहजहांपुर-बॉर्डर पर पहुंचेंगे।
बॉर्डर पर आने लगे किसान
उधर, शाहजहांपुर हरियाणा बॉर्डर पर सोमवार दोपहर बाद से किसानों की संख्या बढ़ने लग गई है। किसान महापंचायत के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामपाल जाट का कहना है कि दूर-दूर के जिलों से भी किसान बॉर्डर पर आने शुरू हो गए हैं। ये सब किसान सोमवार देर शाम तक व 26 जनवरी को सुबह पहुंच जाएंगे। यहां आने के बाद किसान दिल्ली की ओर कूच करेंगे। अब तक यही तैयारी है। दिल्ली में ऐतिहासिक आंदोलन जारी है। 26 जनवरी के दिन का नजारा बहुत अलग रहेगा।